भारत में अब रिलायंस और अमेजन ऑनलाइन दवा यानि की ई-फार्मेसी का कारोबार शुरू करने जा रही है। एक तरफ जहां रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड ने डिजिटल फर्मा मार्किट प्लेस नेटमेड्स में 620 करोड़ रुपये में बहुलांश हिस्सेदारी खरीदी है वहीं अब अमेज़न भी बेंगलुरू से ई-फार्मेसी का कारोबार शुरू कर रहा है। यहीं नहीं फिल्पकार्ट भी इस ऑनलाइन दवा के कारोबार में उतरने की कोशिश में जुट गई है।
रिलायंस की दवा कंपनी नेटमेड्स के साथ साझेदारी
रिलायंस कंपनी ने बयान में कहा है कि “नेटमेड्स के शामिल होने से रिलायंस रिटेल की अच्छी गुणवत्ता और सस्ते स्वास्थ्य सेवा उत्पाद और सेवायें उपलब्ध कराने की क्षमता बढ़ेगी। इसके साथ ही कंपनी का डजिटल कॉमर्स का दायरा भी बढ़ेगा और उसमें दैनिक आवश्यक उपभोग की ज्यादातर वस्तुयें शामिल होंगी।’’ बता दें कि रिलायंस ने इस निवेश के जरिये विटालिक की करीब 60 प्रतिशत और इसकी अनुषंगी कंपनियों – ट्रेसरा हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड, नेटमेड्स मार्केट प्लेस लिमिटेड और डाढा फार्मा डिस्ट्रीब्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड में हिस्सेदारी ली है।
एक तरफ अमेज़न
जानकारी के मुताबिक इस महीने की शुरुआत में अमेजन ने बेंगलूरू में ऑनलाइन फार्मेसी की शुरुआत की है। उसने ओवर दि काउंटर और डॉक्टर की पर्ची के आधार पर दोनों तरह से दवा के लिये ऑर्डर लेने शुरू किये हैं।वह कुछ परंपरागत औषधियां भी बेच रही है।
दवा विक्रेता भड़के
बता दें कि भारत में फिलहाल दवाइयों की ऑनलाइन बिक्री का बाजार बहुत छोटा है। लेकिन अमेजन और रिलायंस का ई-फार्मेसी का कारोबार कई दवा विक्रेताओं के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है। इसी को देखते हुए कैमिस्ट और दवा विक्रेताओं की शीर्ष संस्था ने अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस को एक पत्र भेजकर चेताया है कि भारत में ई- फार्मेसी गैर कानूनी है।दुनिया की यह सबसे बड़ी ऑनलाइन विक्रेता कंपनी भारत में ऑनलाइन दवा बिक्री के क्षेत्र में उतरना चाह रही है। ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट (एआईओसीडी) ने 14 अगस्त को बेजोस को पत्र लिखा है। इसके साथ ही अमेजन की भारतीय इकाई के सीइर्ओ अमित अग्रवाल को भी यह पत्र भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि ऑनलाइन दवाईयों की बिक्री भारत में काफी विवादास्पद रही है।इसमें कई मामले अदालत में पहुंचे हैं। एआईओसीडी ने पत्र में कहा है, ‘‘हमें पता चला है कि अमेजन डॉट इन ने ऑनलाइन फार्मेसी के क्षेत्र में उतरने का फैसला किया है। हम आपको इसी संदर्भ में यह लिख रहे हैं कि भारत में ई- फार्मेसी गैर- कानूनी है और दवा एवं प्रसाधन कानून एवं नियमों के तहत इसकी मान्यता नहीं है।