देहरादून। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के स्थानीय सेवाकेन्द्र सुभाषनगर में सत्संग में राजयोगिनी ब्रह्मकुमारी मन्जू बहन नेे वर्तमान समय में मनुष्यों में होने वाले तनाव का एक कारण विषयों की अधिकता बताया। उन्होंने कहा कि आज मानव बुद्धि, अनेक प्रपंचों में फँसी हुई है। एक साथ कई कार्यों में उलझी हुई है। शायद इसी स्थिति को शास्त्रों में विषय सागर कहा गया है। ऐसे में मन को शांति कैसे मिले। परमपिता परमात्मा शिव बाबा ने इस समस्या का सुंदर हल बताया है। समेटने की शक्ति और विस्तार को सार में समाने की शक्ति। एक प्रभु से सर्व संबंध जोड़ें और उन्हीं से सर्व प्राप्तियों की आशा व विश्वास रखें। इसे ही राजयोग कहा जाता है। यह समय है जब सभी दौड़ रहे हैं, आवश्यकता है कि हम अनेकताओं को एकता में पिरोते जाएं। मल्टी टास्किंग के जमाने में एक-एक कार्य निपटाते जाएं। अंतर्मुखी होकर बुद्धि को एकाग्र करने का अभ्यास करें। एक लक्ष्य निर्धारित करें। वैसे भी भारत में कहावत है तीन-पाँच की बातें मत करो। एक की बात करो। तीन-पाँच की बातें मुश्किल होती हैं, एक को याद करना, जानना अति सहज है। एक लिखना, सीखना, याद करना, सबसे सरल है। एक से एक जोड़ते जाएं और सफलता की सीढ़ी चढ़ते जाएं। तो एक तार को पकड़, उसे सुलझाने से, अनेक उलझन और तनाव समाप्त होते जाएंगे।
Related Posts
December 5, 2024
0
बाल अधिकार संरक्षण आयोग
December 5, 2024
0
उत्तराखंड में बढ़ती बेरोजगारी, अग्निवीरो की अग्नि परीक्षा 2026
December 4, 2024
0