देहरादून। वर्ल्ड इंटीग्रिटी सेंटर इंडिया में आज इन सर्च ऑफ ह्यूमेननेस’ पुस्तक का एक कविता और निबंध वाचन सत्र आयोजित किया गया। सत्र के दौरान, लेखक राजेन बृजनाथ लेखक और अनुवादक बिजॉय सवियन ने बातचीत कर कई पहलुओं पर रौशनी डाली। राजेन बृजनाथ सात साल तक दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर के सलाहकार रहे हैं। अप्रैल 1935 में जन्मे, वह 1988 में देहरादून चले आये। वह संगीत, दर्शन, साहित्य, समानता और शांति के विषयों में खघस दिलचस्पी रखतें हैं ।इन सर्च ऑफ ह्यूमननेस’ एक निबंध और 5 खंडों में फैली 55 कविताओं का संक्षेप है। पुस्तक के बारे में बात करते हुए, राजेन ने कहा, ष्मेरी पुस्तक में मैं दो विचारों के बीच दोलन करता हूं अर्थात् आत्मसम्मान और आनंद जो मेरी मानवता को स्वीकृति देते हैं और चुनौतियां जो एक मानव के रूप में मेरी सर्वश्रेष्ठ मांग है। इस पुस्तक को लिखने के पीछे की प्रेरणा के बारे में बताते हुए, उन्होंने दर्शकों के साथ साझा किया, “मैं अपने विचारों की संभावनाओं को याद कर रहा था। मुझे अपने विचारों का उद्देश्य समझ नहीं आ रहा था। फिर मेरे मन में आया की मैंने कविताएँ लिखी हैं और मैं इसके माध्यम से एक कड़ी स्थापित कर सकता हूँ। निबंध और कविता दोनों हीें मेरा एक प्रासंगिक हिस्सा है। मैंने दोनों को एक साथ प्रकाशित किया है क्योंकि वे एक साथ हैं। उन्होंने आगे कहा, “हर किसी के पास कविताएँ लिखने की क्षमता होती है। मुझे नहीं लगता कि मैं कोई अद्वितीय हूं। मेरे लिए कविता लेखन अपने विचारों का अनुवाद करना है व लोगों तक पहुँचाना है ताकि पाठक इसके पीछे की भावनाओं को समझें। अपनी पुस्तक में मैंने मानवता को एक अवधारणा और जीवन जीने की प्रक्रिया के रूप में वर्णित किया है।” राजेन लेखक बिजॉय सवियन के साथ बातचीत में थे, जो की शैडो मेन की लेखिका हैं। इस अवसर पर हिम ज्योति स्कूल, बन्नू स्कूल और दून डिफेन्स अकादमी के छात्र व अन्य मेहमान उपस्थित रहे।
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