गैरसैंण राजधानी के रूप में ग्रामीणों की आक्रोशित आवाज है

देहरादून। ’गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान का धरना 12 नवम्बर 2018 से जारी है ’ सोमवार को इन्द्रसिंह भंडारी गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान’ के धरने को समर्थन देने पहुंचे। इन्द्रसिंह भंडारी ने प्रदेश निर्माण आंदोलन में पर्वतीय गाँधी इंद्रमणि बडोणी के साथ संघर्ष किया था। ने कहा कि बडोणी जी का सपना था कि जब भी राज्य बने उसकी राजधानी गैरसैंण बने उन्होंने कहा कि बडोनी जीते जी तो राज्य बनता नहीं देख पाए जो अफसोस जनक हो सकता है, परंतु उससे भी अधिक अफसोसनाक यह बात है कि हम वह राज्य नहीं बना पाए, जैसा कि वे सोचा करते थे। उन्होंने कहा कि हमें पूरी ताकत लगानी चाहिए कि राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त रखें और भाई भतीजावाद को जड़ से मिटाएं। उन्होंने कहा कि गैरसैंण को पूर्णकालिक व स्थाई राजधानी बनाकर हम यह संदेश जनता को दे पाएंगे कि पहाड़ों में विकास व शक्ति के केन्द्र स्थापित हो रहे हैं इससे बेतहाशा जारी पलायन के विपरीत में सोच बनना शुरु होगी। इस अवसर पर धरना कार्यक्रम के समर्थन अनेक संगठन शामिल हुए। उन्होंने कहा कि गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान’को हम पूर्ण समर्थन देते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य बनने के इतने सालों बाद भी पहाड़ों का विकास न हो पाने के कारण बढ़ता पलायन गैरसैंण राजधानी के रूप में ग्रामीणों की आक्रोशित आवाज है। धरना कार्यक्रम को समर्थन देने वालों में ’बॉबी पंवार, सुमन डोभाल काला, मनोज ध्यानी, नीरज गौड़, इंद्र सिंह भंडारी, लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, कृष्ण काँत कुनियाल, सुभाष रतूडी, मदनसिंह भंडारी, नीटू पंवार, आचिन बहुगुणा, राकेश चन्द्र सती, मेहर सिंह, बलवन्त सिंह नेगी, पुष्कर नेगी, किरण किशोर भंडारी, शिवप्रसाद सती, शक्ति प्रसाद थपलियाल, संजय गुसांई’ आदि उपस्थित रहे।

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