देहरादून। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नसीम अहमद ने वर्ष 2012 के प्रॉपर्टी डीलर योगेंद्र मित्तल हत्याकांड व लूट मामले के चार दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 25-25 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता नरेश चंद्र बहुगुणा ने बताया कि 27 जून 2012 को पीयूष मित्तल पुत्र राजेंद्र कुमार मित्तल निवासी विकासनगर ने कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि उनके चाचा योगेंद्र कुमार मित्तल निवासी बाबूगढ़ विकासनगर प्रॉपर्टी डीलिंग व टिंबर का व्यवसाय करते थे। 26 जून की रात उनके चाचा योगेंद्र व चाची नीलम मित्तल एक कमरे में सो रहे थे। दूसरे कमरे में उनका भाई पल्लव मित्तल सो रहा था। रात में साढे 12 बजे से एक बजे के बीच में चार बदमाश आए। उन्होंने चाचा को मारपीट कर उनके हाथ-पांव बांध दिए। साथ ही कपड़े से चाचा का मुंह भी बंद कर दिया। चाची नीलम के साथ भी मारपीट की गई। बदमाशों ने योगेंद्र और पल्लव दोनों के कमरे के बाहर से कुंडी लगा दी। इसके बाद वह लाखों रुपये के जेवरात व नकदी लेकर फरार हो गए। बदमाशों के जाने के बाद योगेंद्र के भाई पल्लव ने अपने कमरे की जाली तोड़ी और बाहर निकला। इसके बाद कुंडी खोलकर घायल चाचा योगेंद्र व चाची नीलम को लेहमन अस्पताल ले गया, जहां चिकित्सकों ने योगेंद्र मित्तल को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने प्रॉपर्टी डीलर योगेंद्र हत्याकांड में नदीम पुत्र मोहम्मद कासिम निवासी शेरकोट जिला बिजनौर उत्तर प्रदेश, आसिफ उर्फ सलीम पुत्र कयूम निवासी शेरकोट बिजनौर उत्तर प्रदेश, निजाम उर्फ छोटू पुत्र रसीद निवासी नई बस्ती थाना जसपुर उधमसिंह नगर, महकवीर सिंह गुर्जर पुत्र अभय सिंह निवासी सुल्तानपुर थाना हल्दौर जिला बिजनौर उत्तर प्रदेश को पकड़ा। पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट कोर्ट में पेश की। जिला शासकीय अधिवक्ता ने 18 गवाहों को न्यायालय में पेश किया। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नसीम अहमद ने कोर्ट में पेश किए गए गवाहों, नक्शा नजरी, बरामदगी नोट, जेवरात, आरोपितों के अधिवक्ताओं व शासकीय अधिवक्ता नरेश चंद्र बहुगुणा की बहस सुनने के बाद नदीम, आसिफ, निजाम व महकवीर को हत्या, लूट व शस्त्र अधिनियम का दोषी करार दिया।
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