देहरादून। राजपुर रोड स्थित सिविल सर्विसेज इंस्टीट्यूट के सभागार में रीता तेवतिया अध्यक्ष भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार की अध्यक्षता में ‘ईट राईट कैम्पस’ योजना की विभिन्न विभागों और राज्य में स्थित संस्थानों के साथ बैठक आयोजित की गयी। बैठक में खाद्य संरक्षण एवं मानक प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा प्रजेन्टेशन के माध्यम से भारत में फूड फोर्टिफिकेशन की आवश्यकता, उसके लाभ और भारत जैसे विशाल देश में उसके उपयोग को बढवा देने के लिए किये जा सकने वाले प्रयासों की प्रजेन्टेशन के माध्यम से विस्तारपूर्वक बताया गया। भारत की बड़ी आबादी आज गलत खानपान (असन्तुलित भोजन, अल्पपोषण, दूषित पोषण) के चलते कुपोषण, एनीमिया (खून की कमी), मंद बुद्धि, छोटा कद, मोटापा, आॅस्ट्रियोपोरोसिस (हड्डी रोग) कम वजन और दैनिक लाईफ स्टाईल के रोगों (मधुमेह-डायबिटीज) बी.पी, लो तथा हाई, सिरदर्द, तनाव, हृद्य रोग (हार्ट अटैक), लकवा, कंपकपी इत्यादि से जूझ रही है, जिसके कारण स्वास्थ्य और पैेसा दोनो जा रहा है। इसका समाधान साफ-सूथरा व संतुलित आहार और अपनी लाईफ स्टाइल अधिकाधिक प्रकृति अनुकूल बनाना है। संतुलित आहार के अन्तर्गत ऐसा भोजन जिसमें कार्य की प्रकृति अवस्था (उम्र) वातावरण (सर्द-गर्म, स्थान अलग-2)के अुनसार शरीर की जरूरत के अनुसार कार्बोहाइडेªट वसा (घी, तेल), प्रोटीन, बिटामिन्स, जल और खनिज लवण (माइक्रो न्यूट्रिएन्टस) लोहा (आयरन), सोडियम (नमक), कैल्सियम, कैरोटिन, मैग्नीशियम, आयोडीन, तांबा, मैगजीन जैसी धातुओं का अल्प अंश जिसे प्राकृतिक रूप से लिया जाना है जैसे पालक से लोहा (आयरन) मिलेगा। भारत में कुछ लोगों को भरपेट खाना नही मिलता (कुपोषित), कुछ को थोड़ा मिलता है (अल्प पोषित), कुछ जरूरत से अधिक खाते हैं (ओवर पोषित) , कुछ कैमिकल व गंदगी भरा खाते हैं किन्तु शरीर में जो चीजे संतुलित मात्रा में पंहुचनी चाहिए थी असंतुलित भोजन से नही पंहुच पाती हैं। इसी संतुलित भोजन को उपलब्ध करवाने की एक अवधारणा है ‘‘फोटिफाइड फूड (भोजन)’’। ऐसा भोजन जिसमें जानबूझकर शरीर के लिए जरूरी सभी घटक (न्यूट्रिएशन) को डाला जाता है। इससे भोजन में माइक्रो न्यूट्रिएशन की मात्रा बढ जाती है और ऐसा भोजन संतुलित आहार की अवधारणा को साकार करता है। अध्यक्ष भारतीय खाद्य संरक्षण एवं मानक प्राधिकरण ने इस दौरान कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली(पीडीएस), मिड-डे-मिल, सीएमडीएम, और आईसीडीएस(समेकित बाल विकास सेवाओं) जैसी योजना में राज्य को फूड फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों के उपयोग को बढावा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि फूड फोर्टिफाईड भोजन के लिए लोगों को प्रेरित करना चाहिए, उन्हे जागरूक करना चाहिए। अध्यक्ष ने इस दौरान राज्य के विभिन्न संस्थानों के उपस्थित सदस्यों को ‘ईट राइट कैम्पस’ अभियान के तहत् अपने संस्थानों में भी फूड फोर्टिफिकेशन फूड के चलन को अमल में लाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सभी संस्थान ‘ईट राइट फूड के पैरामिटर्स का पालन करते हुए बेहतर स्टार रेटिंग हेतु आवेदन करें। इस दौरान विभिन्न विभागों के अधिकारियों और शैक्षिक संस्थान के सदस्यों ने अपने सुझाव देते हुए फूड फोर्टिफिकेशन को बढावा देने के प्रयासों को साझा किया। इस अवसर पर राज्य के अपर खाद्य आयुक्त अरूणेन्द्र सिंह चैहान, राज्य अभिहीत अधिकारी आर.एस रावत, आईआईटी रूड़की एसोसिएट डीन एस.एच उपाध्याय, एम.डी पेयजल निगम श्री गर्ग, नगर आयुक्त ऋषिकेश चतर सिंह, उप निदेशक एफएसएसएआई वृधाघोष, जिला अभिहीत अधिकारी जीसी कण्डवाल सहित सम्बन्धित अधिकारी व सदस्य उपस्थित रहे।