हिमालयी क्षेत्र के लोगों की आजीविका में सुधार से सम्बंधित विषयों पर होगा कान्क्लेव में मंथन

मसूरी। मसूरी विधायक गणेश जोशी ने कहा कि यह गर्व की बात है कि हिमालयी पारिस्थितिकी पर मंथन के लिए उत्तराखंड में पहली बार हिमालयी राज्यों का सम्मेलन होने जा रहा है। उत्तराखंड हिमालयी राज्यों की मुश्किलों, विकास के अवसरों और पर्यावरणीय चुनौतियों से भली भांति वाकिफ है। उत्तराखंड की तरह अन्य हिमालयी राज्य भी ऐसी ही सोच रखते हैं। 28 जुलाई को मसूरी में होने वाली हिमालयन कॉन्क्लेव के लिए सभी तैयारियां चल रही हैं। इसमें हिमालयी राज्यों के मुख्यमंत्री, केन्द्रीय वित्त मंत्री व पीएमओ के अफसर शामिल होंगे।   पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस कॉन्क्लेव में हिमालय क्षेत्र में सस्टेनेबल डेवलेवमेंट और पर्यावरणीय चुनौतियों के बीच हिमालयी क्षेत्र के लोगों की आजीविका में सुधार से सम्बंधित विषयों पर मंथन होगा। साथ ही, पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण भी गहन मंथन किया जाएगा। हमारी कोशिश रहेगी कि जो अमूल्य वन संपदा हिमालयी राज्य देश को देते हैंए इस वन संपदा के चलते कई विकास कार्य भी रुक जाते हैं। लिहाजा एक जैसे हालातों में यह भी चर्चा होगी कि इस वन संपदा के एवज में हिमालयी राज्यों को ग्रीन बोनस दिया जाना चाहिए। हिमालयी राज्यों के विकास के लिए एक समग्र हिमालयी नीति बननी चाहिए, इस विषय को भी सम्मेलन के अर्न्तगत लिया जा सकता है।          उन्होनें कहा कि हमारी सरकार ने अक्टूबर 2018 में इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया, जिसमें 1.24 लाख करोड़ रुपये के एमओयू साइन हुए। अब इन्वेस्टर्स समिट के सुखद परिणाम आने लगे हैं। उत्तराखंड में 17 साल में कुल 40 हजार करोड़ का निवेश आया। उन्होनें कहा कि मुझे यह बताते खघ्ुशी है कि पिछले मात्र 10 माह में ही 16हजार करोड़ का निवेश प्रोजेक्ट धरातल पर उतर गए हैं। धरातल पर उतरने का अर्थ है कि इतने प्रोजेक्ट के लिए या तो जमीन चिन्हित की गई हैए या कंपनियों ने पैसा लगाने शुरू कर दिया हैए या उन्हें विभागों से लाइसेंस मिल चुके हैं या निर्माण कार्य शुरू हो गए हैं या मशीनरी स्थापित होने लगी हैं।इस 16 हजार करोड़ के निवेश से अगले एक डेढ़ साल के भीतर प्रदेश के 40 हजार युवाओं को  रोजगार मिलने वाला है। चंद रोज पहले मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा कहा था कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलते हुए हमारी सरकार जल्द ही बेनामी संपत्ति के खिलाफ कड़ा कानून लाने जा रही है। पिछले 10 महीनों से इसकी तैयारी चल रही थी। इस कानून में कड़ी शर्तें होंगीए जिससे टैक्स चोरए जमीन चोर बच नहीं पाएंगे। सरकार बेनामी संपत्ति की जाँच कर उसे जब्त करेगी तथा उस प्रॉपर्टी पर जनकल्याण की सुविधाएं मसलन स्कूल, अस्पताल, महिला सशक्तिकरण के लिए ग्रोथ सेंटर आदि स्थापित किये जायेंगे। इस अवसर पर मण्डल अध्यक्ष मोहन पेटवाल, महामंत्री कुशाल राणा, मुकेश धनाई, धर्मपाल पंवार, राकेश अग्रवाल, आलोक मेहरोत्रा आदि उपस्थित रहे।

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