पणजी। अंतरराष्ट्रीय भारतीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के स्वर्ण जयंती समारोह का यहां धूमधाम से तमाम जानी-मानी हस्तियों के बीच बुधवार को शुभारंभ हुआ, जहां अमिताभ बच्चन और रजनीकांत जैसे सुपरस्टार की मौजूदगी ने समारोह में चार चांद लगा दिए। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम में बंद गला सूट पहने दोनों अभिनेताओं का लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया। दोनों आखिरी बार 2014 में इफ्फी के मंच पर साथ नजर आए थे। सुपरस्टार रजनीकांत को 50वें अंतरराष्ट्रीय भारतीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के उद्घाटन समारोह में ‘आइकन ऑफ गोल्डन जुबली’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। महानायक अमिताभ बच्चन ने रजनीकांत को ‘आइकन ऑफ गोल्डन जुबली’ पुरस्कार प्रदान किया। रजनीकांत ने पुरस्कार स्वीकार करते हुए कहा कि मैं यह विशेष प्रतिष्ठित ‘आइकन ऑफ गोल्डन जुबली’ पुरस्कार पाकर काफी खुश हूं। मैं भारत सरकार का मुझे इससे सम्मानित करने के लिए दिल से शुक्रिया अदा करता हूं। मैं यह पुरस्कार अपने सभी निर्देशकों, निर्माताओं और मेरी फिल्मों में काम करने वाले सभी तकनीशियनों के नाम करता हूं। उन्होंने कहा कि और सबसे ज्यादा अपने सारे प्रशंसकों, उन सभी तमिल लोगों का जिन्होंने मेरा साथ दिया। शुक्रिया, जय हिंद। थलाइवा के नाम से मशहूर तमिल सुपरस्टार ने 150 से अधिक फिल्मों में काम किया है। उन्होंने महानायक अमिताभ बच्चन को हमेशा प्रेरित करने के लिए शुक्रिया अदा किया। फिल्म महोत्सव के गोल्डन जुबली संस्करण में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन मुख्य अतिथि थे। बच्चन ने अपने लंबे और उतार-चढ़ाव भरे जीवन तथा करियर में साथ निभाने के लिये प्रशंसकों का आभार व्यक्त किया। बॉलीवुड में 50 साल पूरे कर चुके अमिताभ ने भावुक अंदाज में कहा, मेरी जनता, मैं आपका धन्यवाद करना चाहता हूं। आपने जीवन के हर उतार-चढ़ाव में मेरा साथ दिया। मैं हमेशा यह कहता हूं कि मैं आप लोगों का एहसानमंद हूं। मैं आपका यह एहसान कभी नहीं चुका सकता और मैं ऐसा करना भी नहीं चाहता। मैं आपके इस प्रेम को अपने साथ रखना चाहता हूं। उन्होंने अपने माता-पिता और फिल्मी सफर में योगदान देने वाले लोगों को याद किया। ब्रिटिश फिल्मकार केन लोच को भी इफ्फी में सम्मानित किया जाना है। लेकिन वह यहां आज नहीं पहुंच पाए। उन्होंने एक वीडियो संदेश के जरिए समारोह में मौजूद लोगों को संबोधित किया। फिल्मकार ने बढ़ते घोर दक्षिणपंथी माहौल पर चिंता जाहिर करते हुए धरती पर सामंजस्य एवं स्थिरता की दिशा में काम करने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन से जुड़े तथ्य अलग -अलग हैं , चिंताएं सार्वभौमिक हैं। अब हमारे पास विशेष समस्याएं हैं जो हम साझा करते हैं, घोर दक्षिणपंथी राजनीति का बढ़ना हम सभी को चिंतित करता है। इस दौरान केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी मंच पर मौजूद थे।
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