D.NEWS DEHRADUN मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर समीक्षा बैठक की। इस दौरान सीएम ने समस्त जिलाधिकारियों से प्रभावितों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि, भवन क्षतिपूर्ति जैसे तमाम मुद्दों की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि किसी भी आपदा के समय मिनिमम रिस्पांस टाइम के प्रति अधिकारी सतर्क रहें।
सीएम ने पिछले मानसून में जिला प्रशासन द्वारा प्रभावित क्षेत्र में आपदा के न्यूनीकरण के लिए किए गए प्रयासों पर संतोष जताया और भविष्य में भी सड़क मार्गों को यातायात के लिए सुचारू रखने के साथ ही जिले में पेयजल, स्वास्थ्य, विद्युत आपूर्ति नियमित रखने के निर्देश दिये। उन्होंने बारिश को देखते हुए मिट्टी के तेल का कोटा बढ़ाने के निर्देश प्रमुख सचिव खाद्य को दिए हैं।
बैठक में में बतया गया कि आपदा के दौरान प्रभावित दूरस्थ मोटर मार्ग जौलजीवी-मड़कोट-मुनस्यारी को आंशिक रूप से खोल दिया गया है और संवेदनशील जिलों में बारिश से प्रभावित राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य मार्ग पर यातायात खोल दिए गए हैं। उन्होंने खाद्य गोदामों में खाद्य सामग्री की आपूर्ति प्रचुर मात्रा में रखने के निर्देश दिए। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारियों ने बताया कि सितंबर तक का खाद्यान्न उपलब्ध है।
बैठक में यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत ने सीएम के प्राकृतिक आपदा से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी दुकानों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के व्यवसायियों या स्वामियों को जीवनयापन के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से अतिरिक्त सहायता के रूप में एक लाख रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराने के फैसले का स्वागत किया।
मुख्यमंत्री ने उत्तरकाशी की समीक्षा के दौरान गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह रावत की आपदा के मानकों में बढ़ोत्तरी करने के प्रस्ताव पर भी बात की। सीएम ने सचिव आपदा अमित सिंह नेगी को इस संबंध में केंद्र को भूमि और घर बहने पर दी जाने वाली सहायता के मानकों को बढ़ाने का प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। जिलों से से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बागेश्वर विधायक चंदन राम दास और टिहरी विधायक धन सिंह नेगी से आपदा से संबंधित सुझावा मांगे गए। साथ ही उत्तरकाशी, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारियों ने अपने-अपने जनपदों की आपदा से प्रभावित सड़क, सिंचाई, पेयजल, विद्युत योजनाओं के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी दी।