आर्थिक तंगी से परेशान FRI के संविदा कर्मी की पत्नी अंजू ने की आत्महत्या, 6 माह पूर्व बेटी ने भी की थी आत्महत्या


देहरादून, (देवभूमि जनसंवाद न्यूज़) सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) के जिला महामंत्री लेखराज ने बताया कि सीटू से सम्बद्ध संविदा श्रमिक संघ यूनियन द्वारा FRI में कार्यरत संविदा कर्मियों की वेतन सहित अन्य लम्बित मांगों को लेकर श्रम विभाग व अन्य माध्यमो से संघर्षरत है ।
उन्होंने बताया कि FRI में संविदा कर्मियों को पिछले 6 माह से वेतन नही मिल रहा था जिस कारण सीटू यूनियन द्वारा इस संदर्भ में एक मामला समय पर वेतन भुगतान हेतु सहायक श्रमायुक्त (केंद्रीय) के यहां पर लाया गया जो गतिमान है जिस कारण संविदाकार कम्पनी द्वरा श्रमिकों के वेतन का भुगतान किया गया किंतु अभी भी तमाम श्रमिको का चार से पांच माह का वेतन रुक हुआ है जिस का भुगतान अभी तक नही किया गया है ।
उन्होंने कहा कि उन्होंने पीड़ित परिवार से आज सम्पर्क किया व अन्य कर्मचारियों से वार्ता की तो पता चला कि मृतक के पति मुकेश कुमार को भी सितम्बर माह से वेतन का भुगतान नही किया गया है मुकेश अकेला ही कमाने वाला है जिस कारण परिवार में भयंकर रूप से आर्थिक संकट गहरा गया , और परिवार भुखमरी के कगार पर आ गया था इस कारण श्रमिक की पत्नी ने आत्महत्या कर ली उन्होंने बताया कि वेतन भुगतान समय पर नही होने के चलते श्रमिको द्वारा सहायक श्रमायुक्त को एक पत्र अलग से भी दिया गया था जिसमे आर्थिक संकट के दुष्परिणामो का जिक्र किया गया था जिस पर FRI प्रशासन द्वारा कोई संज्ञान नही लिया गया है । उन्होंने बताया कि 2019 में FRI प्रशासन द्वारा भर्ती हेतु विज्ञप्ति निकाली गई थी जिसमे भर्ती घपले के कारण रदद् करनी पड़ी व पुलिस कारवाही भी अमल में लायी गयी थी जिस कारण यूनियन के 118 सदस्यों को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा जिस पर माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा इन कर्मचारियों को निकालने पर रोक लगा दी थी जो कि अभीभी मामला लम्बित है जिस कारण FRI प्रशासन द्वारा उत्पीड़न करने के उद्देश्य से श्रमिको का वेतन रोकना उनकी सर्विस कंडीशन में चेंज करना विभिन्न तरीकों से कर्मचारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है उन्होंने बताया कि एक अन्य श्रमिक पीताम्बर दत्त (चालक) की भी म्रत्यु भी इन्ही हालात में हुई थी । संविदाकार कम्पनी किंग सिक्योरटी द्वारा FRI प्रशासन के इशारे पर श्रमिको को समय पर वेतन न देना व श्रमिको का उत्पीड़न करना आम बात हो गयी है । उन्होंने बताया कि पछले वर्ष FRI प्रशासन द्वारा संविदा पर वर्षो से लगे सैकड़ो श्रमिको को एक झटके में हटा दिया गया था जिनको भी आर्थिक तंगी के हालातों से झूझना पड़ रहा है किंतु निदेशक द्वारा श्रमिको का उत्पीड़न इस लिए किया जाना कि उनके द्वारा आंदोलन क्यो किया गया है और निदेशक द्वारा यह कहना कि वे 24 फरवरी 2023 को सभी श्रमिकों को निकाल देंगी व इन्हें खून के आशु रुलाऊंगी ।
उन्होंने कहा कि वे इस संदर्भ में मानवाधिकार आयोग व सरकार से मांग करेंगे कि FRI के श्रमिक की पहले बेटी व अब पत्नी द्वारा आत्महत्या किया जाना कई सवाल खड़े करता है जिसकी निष्पक्ष जांच होनी ही चाहिए इसमें यदि FRI प्रशाशन व संविदाकार कम्पनी किंग सिक्योरिटी किसी भी रूप में दोषी पायी जाती है तो चाहे वो कितना भी बड़ा अधिकारी क्योना हो कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए ।
उन्होंने इस संदर्भ में कार्यवाही की मांग की है ।
उन्होंने उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा श्रम कानूनों में परिवर्तन कर दिया है कि यदि किसी श्रमिक की मृत्यू संस्थान में गलत तरीके से काम करवाने या उत्पीड़न के चलते होती है तो प्रधान नियोजक की गिरफ्तारी नही हो सकेगी जिससे श्रमिको का जीवन असुरक्षित हो गया है उन्होंने श्रम कानूनों के मालिकों के पक्ष में बनने का विरोध किया व कहा कि सरकार का मजदूर विरोधी चेहरा सामने आ गया है जिसका सीटू विरोध करेगी ।

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