
D.NEWS DEHRADUN: कैशौर्य से गुजर जवानी की दहलीज पर खड़े उत्तराखंड के लिए सचमुच अठारवां साल अहम और सकारात्मक मोड़ देने वाला साबित हो सकता है। गठन के बाद राज्य में पहली दफा की गई पूंजी निवेश की पहल के जिस तरह के नतीजे दो दिनी इन्वेस्टर्स समिट के बाद सामने आए हैं, उससे तो ऐसा ही लगता है। निर्धारित लक्ष्य से तीन गुना निवेश जुटाने में कामयाब त्रिवेंद्र सरकार इसके लिए खुद की पीठ जरूर थपथपा सकती है लेकिन चुनौती अब पेश आने वाली है।एक लाख 24 हजार करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारना, निवेश जुटाने से कहीं ज्यादा मशक्कत का काम है और यही सरकार की असली अग्निपरीक्षा होगी। यदि इन प्रस्तावों को मुकाम मिला, तो राज्य में नौकरियों की बहार आना तय है। पिछली सरकारों ने नहीं की ईमानदार पहल उत्तराखंड आगामी नौ नवंबर को अपनी स्थापना के अठारह साल पूरे कर उन्नीसवें साल में जवानी की दहलीज छूने जा रहा है।