देहरादून, (देवभूमि जनसंवाद न्यूज़) अवैध हुक्का बार, पब, रेस्टोरेंट, ड्रग्स के अवैध कारोबार और नाबालिगों की सुरक्षा हेतु कठोर कार्रवाई करने हेतु ज्ञापन दिया गया।
उन्होंने कहा कि देहरादून, जिसे कभी शिक्षा के केंद्र और शांत वातावरण के लिए जाना जाता था, आज तेजी से नशे और अनैतिक गतिविधियों का गढ़ बनता जा रहा है। यह स्थिति न केवल समाज के नैतिक ताने-बाने को कमजोर कर रही है, बल्कि युवाओं के भविष्य पर भी गंभीर खतरा पैदा कर रही है।
देहरादून में अवैध हुक्का बार, पब और ड्रग्स माफियाओं का बढ़ता नेटवर्क, साथ ही स्कूल-कॉलेजों के निकट खुलेआम नियमों का उल्लंघन, दुर्घटनाओं और अपराधों में वृद्धि का प्रमुख कारण बन रहा है। हाल ही में हुए किशन नगर चौक इनोवा हादसे जैसी घटनाएं प्रशासन और समाज दोनों के लिए एक चेतावनी हैं कि अगर तुरंत कार्रवाई नहीं की गई, तो यह स्थिति और गंभीर हो सकती है।
देहरादून में अवैध हुक्का बार और पब धड़ल्ले से चल रहे हैं, जिनमें अधिकतर स्कूल और कॉलेजों के आसपास स्थित हैं। ये स्थान आज नशे और अनैतिक गतिविधियों के अड्डे बन चुके हैं। इन जगहों पर चरस, स्मैक, गांजा, ड्रग पेपर और अन्य नशीले पदार्थ खुलेआम बेचे जा रहे हैं।
कई पब रात में तय समय सीमा (11:00 बजे) के बाद भी संचालित होते हैं और सुबह 4:00 बजे तक चलते रहते हैं।
यह गतिविधियां उत्तराखंड आबकारी अधिनियम, 2012 और अन्य प्रासंगिक कानूनों का उल्लंघन करती हैं, इन पबों और हुक्का बारों के लाइसेंस तुरंत रद्द किए जाएं, और उनके मालिकों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाए।
युवा प्रकोष्ठ के महानगर महामन्त्री मनीष रावत ने कहा कि कई रेस्टोरेंट और होटल दिनदहाड़े शराब परोसते हैं, जिससे न केवल आबकारी कानूनों का उल्लंघन होता है, बल्कि सरकार के राजस्व को नुकसान भी होता है।
शराब परोसने की इस अनियमितता के कारण युवाओं में नशे की लत बढ़ रही है, और कई बार बड़े अपराध और दुर्घटनाएं हो रही हैं।
आज देहरादून के स्कूल-कॉलेजों में नाबालिग छात्र बिना वैध लाइसेंस और उम्र प्रमाण के दोपहिया वाहनों का उपयोग कर रहे हैं, यह न केवल मोटर वाहन अधिनियम, 1988 का उल्लंघन है, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि का भी एक प्रमुख कारण है।
प्रशासन द्वारा स्कूल और कॉलेज स्तर पर नियमित निरीक्षण किया जाए और नाबालिग छात्रों के वाहनों की जांच कर उचित कार्रवाई की जाए।
केंद्रीय मीडिया प्रभारी किरण रावत ने कहा कि
ड्रग्स माफियाओं ने देहरादून के विभिन्न क्षेत्रों, विशेषकर स्कूल-कॉलेजों के आसपास, अपना प्रभाव फैला लिया है, यह माफिया युवाओं को आसानी से निशाना बना रहे हैं, जिससे न केवल उनका भविष्य बर्बाद हो रहा है, बल्कि उनके परिवार भी मानसिक और सामाजिक संकट झेल रहे हैं।
प्रशासन को चाहिए कि ड्रग्स माफियाओं के खिलाफ एक विशेष अभियान चलाए और उनकी गतिविधियों पर स्थायी रोक लगाए।
केंद्रीय महामंत्री बृज मोहन सजवांण ने कहा कि देहरादून में नशा मुक्त अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता है, स्कूल-कॉलेजों में काउंसलिंग सत्र और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं ताकि छात्रों को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति सचेत किया जा सके।
पुलिस और आबकारी विभाग के बीच समन्वय बढ़ाया जाए और नियमित छापेमारी कर अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जाए।
सीसीटीवी कैमरों की निगरानी को सुदृढ़ किया जाए और तकनीकी खराबियों को तुरंत ठीक किया जाए।
मुख्य मांगे
- अवैध रूप से संचालित हो रहे हुक्का बार, पब और रेस्टोरेंट के लाइसेंस रद्द किए जाएं और इनके मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
- तय समय सीमा (रात्रि 11:00 बजे) के बाद संचालित हो रहे पबों को तुरंत बंद कराया जाए।
- ड्रग्स माफियाओं के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाए और उनके नेटवर्क को तोड़ा जाए।
- स्कूल और कॉलेज स्तर पर छात्रों की नियमित काउंसलिंग की जाए और नाबालिग छात्रों के वाहनों की जांच कर उचित कार्रवाई हो।
- पुलिस, आबकारी विभाग और अन्य प्रशासनिक इकाइयों के बीच सामूहिक प्रयास किए जाएं ताकि देहरादून को नशा मुक्त बनाया जा सके।
ज्ञापन देने वालों में, केंद्रीय महामन्त्री बृज मोहन सजवाण, परवीन चंद रमोला,अशोक नेगी,मनीष रावत, यशपाल नेगी, श्याम रमोला, जितेंद्र सिंह, रक्षित गोदियाल आदि रहे।