D.NEWS DEHRADUN : प्लास्टिक के आगे की दुनिया में अब अल्मोड़ा आवासीय विश्वविद्यालय ने कदम रखा है। यूकास्ट ने यहां ग्राफिन संश्लेषण प्रयोगशाला स्थापित करने की मंजूरी दे दी है।
इस प्रयोगशाला में रमन स्पेक्ट्रोफोटोमीटर भी स्थापित किया जा रहा है। इससे यहां के छात्र अब ग्राफिन से संबंधित आविष्कारों का खुद ही परीक्षण भी कर पाएंगे। अभी तक इन्हें पंजाब सहित अन्य राज्यों में स्थित अनुसंधान केंद्रों की मदद लेनी पड़ती थी।
ग्राफिन और इसके उपयोग
कार्बन के अपररूप (अलोट्रोप) ग्राफिन धातु जैसा कठोर होता है। अपने इसी गुण के कारण आज के समय ग्राफिन का प्रयोग मोबाइल, जहाज, ऐरोस्पेस उपकरणों की बॉडी बनाने, बिजली के उपकरणों, सोलर लैंप आदि के अलावा भवनों में इस्तेमाल होने वाले सीमेंट में भी किया जा रहा है। इसे प्लास्टिक के बेहतर विकल्प के रूप में भी देखा जा रहा है।