उत्तराखंड के जोशीमठ आपदा: में अब उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भी किया हस्तक्षेप

हाईकोर्ट में यह जनहित याचिका पीसी तिवारी की ओर से अधिवक्ता स्निग्धा तिवारी ने दाखिल किया है. अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में दाखिल अपने प्रार्थना पत्र में बताया है कि जोशीमठ में भू धंसाव लगातार जारी है. अब भी यहां घर व मकान की दीवारों में दरारें आ रही हैं।

देहरादून, (देवभूमि जनसंवाद न्यूज़) उत्तराखंड के जोशीमठ आपदा में अब उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भी हस्तक्षेप किया है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इस आपदा के कारणों की जांच के लिए स्वतंत्र विशेषज्ञों की कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं. यह कमेटी दो महीने के अंदर पूरे मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में दाखिल करेगी. इसी के साथ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और एनटीपीसी को यहां सभी तरह के निर्माण कार्यों पर प्रभावी रोक लगाने के आदेश दिए हैं. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने यह आदेश एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
हाईकोर्ट में यह जनहित याचिका पीसी तिवारी की ओर से अधिवक्ता स्निग्धा तिवारी ने दाखिल किया है. अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में दाखिल अपने प्रार्थना पत्र में बताया है कि जोशीमठ में भू धंसाव लगातार जारी है. अब भी यहां घर व मकान की दीवारों में दरारें आ रही हैं. रोज कहीं ना कहीं जमीन धंस रही है. इसके चलते यहां के वासिंदों को डर के साये में जीने को मजबूर होना पड़ रहा है. अपनी याचिका में अधिवक्ता स्निग्धा तिवारी ने आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार जनता की समस्याओं को नजरंदाज कर रही है. इस घटना के इतने दिन गुजरने के बाद भी अब तक लोगों के पुनर्वास के लिए कोई ठोस रणनीति तैयार नहीं हो सकी है. ऐसे में आशंका प्रबल हो गई है कि किसी भी समय जोशीमठ का यह इलाका तबाह हो सकता है।
कमेटी को दी जिम्मेदारी

हाईकोर्ट में जनहित याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायधीश विपीन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई. इस दौरान हाईकोर्ट ने सरकार को साफ तौर पर दिशा निर्देश दिए.कहा कि मामले की जांच के लिए स्वतंत्र विशेषज्ञों की कमेटी होगी. इस कमेटी में पीयूष रौतेला और एमपीएस बिष्ठ भी शामिल होंगे. यह कमेटी दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में न्यायालय में पेश करेगी. यह पूरी तरह से गोपनीय रहेगा. इसमें आपदा के कारणाओं उसके समाधान को लेकर विस्तार से सर्वे किया जाएगा

नहीं हो रहा कोई निर्माण

हाईकोर्ट ने सरकार को सभी तरह के निर्माण कार्यों पर प्रभावी रोक लगाने के आदेश दिए. वहीं इस निर्देश पर जवाब दाखिल करते हुए राज्य सरकार और एनटीपीसी ने बताया कि पहले से सरकार गंभीर है और सभी निर्माण कार्य रोक दिए गए हैं. प्रभावितों को हर संभव मदद दी जा रही है. भू धंसाव को लेकर सरकार वाडिया इंस्टिट्यूट के एक्सपर्ट की मदद ले रही है।

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