D.NEWS DEHRADUN हरिद्वार, : प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत तमाम तीर्थस्थलों और रेलवे स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी मिलने से हड़कंप मच गया है। हरिद्वार रेलवे स्टेशन अधीक्षक के नाम पर भेजे गए धमकी भरे पत्र में 20 अक्टूबर और 10 नवंबर को बम धमाके करने की बात कही गई है। चिट्ठी भेजने वाले ने खुद को आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का जम्मू कश्मीर एरिया कमांडर बताया है। धमकी को देखते हुए पुलिस, जीआरपी, खुफिया विभाग और सुरक्षा एजेंसियां चौकस हो गई हैं। सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के साथ ही चिट्टी की प्रमाणिकता की जांच भी शुरू कर दी गई है।
हरिद्वार रेलवे स्टेशन के अधीक्षक के नाम चार साल पहले तक कई बार धमकी भरे पत्र आते रहे हैं। इस बार धमकी भरा पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई बड़ी हस्तियों के उत्तराखंड इन्वेस्टर्स समिट में हिस्सा लेने के फौरन बाद मिला है। जिससे पुलिस, खुफिया व सुरक्षा एजेंसिया सकते में आ गई हैं।
हरिद्वार रेलवे स्टेशन अधीक्षक महावीर सिंह के नाम पर भेजे गए पत्र में 20 अक्टूबर को हरिद्वार सहित देहरादून, रुड़की, लक्सर, काठगोदाम रेलवे स्टेशन और उत्तर प्रदेश में रामपुर, मुरादाबाद, बरेली, अलीगढ़, सहारनपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर के रेलवे स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है।
पत्र में आगे लिखा है कि 10 नवंबर को हरकी पैड़ी हरिद्वार, लक्ष्मण झूला, चारों धाम और रुड़की की धार्मिक मजार को बम से उड़ा दिया जाएगा। उत्तराखंड को खून से रंगने की धमकी देते हुए लिखा गया है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को कुर्बान कर देंगे। पत्र भेजने वाले ने अपना नाम आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एरिया कमांडर मौलवी अंबी सलीम लिखा है।
पत्र के आखिर में लश्कर, हाफिज सईद और पाकिस्तान जिंदाबाद लिखा गया है। पिछले तमाम धमकी भरे पत्रों की तरह अधिकारी शुरुआती तौर पर इसे संदिग्ध और शरारती तत्व का कारनामा मान रहे हैं, लेकिन एहतियात के तौर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। खुफिया विभाग चिट्ठी भेजने वाले का पता लगाने में जुट गया है।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार का कहना है कि हरिद्वार रेलवे स्टेशन अधीक्षक के नाम भेजे गए पत्र में मुख्यमंत्री समेत तमाम धार्मिक स्थलों और रेलवे स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। इस तरह के पत्र पहले भी आ चुके हैं। यह किसी मानसिक बीमार व शरारती तत्व का काम भी हो सकता है। फिर भी एहतियात के तौर पर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। चिट्ठी भेजने वाले का पता भी लगाया जा रहा है।