D.NEWS DEHRADUN मानव जाति को अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए अंतरिक्ष के दूसरे ग्रहों में जीवन तलाशना होगा। एक वक्त ऐसा आएगा जब सूर्य धरती और मंगल दोनों को निगल जाएगा और ये दोनों ग्रह नष्ट हो जाएंगे। हालांकि, यह घटना आज से सात अरब साल बाद हो सकती है, लेकिन मानव जाति को अभी इस दिशा में गंभीरता से सोचना होगा। यह कहना है विख्यात खगोल विज्ञानी पद्मभूषण जेवी नार्लीकर का। जेवी नार्लीकर यहां राजभवन टॉपर्स कॉन्क्लेव के समापन पर मुख्य वक्ता के रूप में शामिल होने आए थे। उन्होंने खगोल विज्ञान से लेकर मानव जीवन की उत्पत्ति, गुरुत्वाकर्षण जैसे विषयों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि सूर्य धीरे-धीरे खत्म होने की दिशा की ओर बढ़ रहा है। एक समय ऐसा आएगा कि उसका आकार बहुत विशाल हो जाएगा। यानि सूर्य एक जायंट स्टार में तब्दील होकर धरती और मंगल को निगल जाएगा। मानव अस्तित्व बचाने के लिए दूसरे ग्रहों में भी जीवन की तलाश करनी पड़ेगी। सूर्य से अधिक दूरी वाले ग्रह ही उपयोगी साबित होंगे।
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बिग बैंग नहीं मिनी बैंग थ्योरी सही: मानव जीवन की उत्पत्ति को लेकर वैज्ञानिकों का एक बड़ा वर्ग बिंग बैंग थ्योरी का पक्षधर है। उनके अनुसार, ब्रह्मांड में हुए एक धमाके की वजह से जीवन अस्तित्व में आया। मगर, नार्लीकर इससे सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि जीवन की उत्पत्ति के बारे में अब तक कुछ ठोस सत्य सामने नहीं आ पाया है। उन्होंने कहा कि बिग बैंग को केवल एक विचार के रूप में माना जाता है। समय-समय पर हुए छोटे-छोटे मिनी बैंग जरूर सत्य के कुछ करीब हैं।
अपनी सादगी से कायल कर गए नार्लीकर: बुजुर्ग खगोल विज्ञानी नार्लीकर ने अपने ज्ञान से तो गहरी छाप छोड़ी ही, अपनी सादगी का भी सबको कायल कर दिया। साधारण-सा कुर्ता पायजामा पहने नार्लीकर ने अपने भाषण में अंग्रेजी के साथ-साथ शुद्ध हिंदी का भी खूब इस्तेमाल किया। खगोल विज्ञान के जटिल विषयों पर उन्होंने बेहद सरल अंदाज में धाराप्रवाह विचार रखे।
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राज्यपाल डॉ. पॉल ने शिक्षक बनकर दिया जवाब
समापन सत्र के संवाद कार्यक्रम में राज्यपाल डॉ. केके पॉल के गुरु रूप की भी झलक दिखी। मुक्त विवि के उत्तम प्रसाद सेमवाल ने पूछा कि गुरुत्वाकर्षण से सभी वस्तुएं धरती की ओर खिंचती हैं तो पौधे से पानी कैसे ऊंचाई तक पहुंचता है और कैसे वाष्प बनने पर पानी आसमान की ओर उड़ने लगता है? नार्लीकर के सवाल न सुन पाने पर राज्यपाल ने माइक संभाला और कहा कि पौधे में कैपिलरी फोर्स की वजह से पानी ऊपर चढ़ता है। वाष्प हीट एनर्जी से ऊपर उठता है। उनका जवाब आते ही सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
सुदर्शन और आरती टॉपर्स कॉन्क्लेव के सर्वश्रेष्ठ वक्ता
अपने ज्ञान-विज्ञान का इस्तेमाल देश-समाज हित में करने के संकल्प के साथ राजभवन में टॉपर्स कॉन्क्लेव शुक्रवार को पूरा हो गया। उत्तराखंड के सरकारी विवि के टॉपरों के पांच दिनी समागम में जीबी पंत विवि के सुदर्शन मिश्रा और मुक्त विवि की आरती सर्वश्रेष्ठ वक्ता के रूप में चुने गए। राज्यपाल डॉ. केके पॉल ने कहा कि टॉपर्स कॉन्क्लेव उत्कृष्ट छात्रों के लिए एक ऐसा मंच है, जो उन्हें विषय विशेषज्ञों की जानकारी हासिल करने का मौका देता है। इस अवसर पर राज्यपाल, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत और पद्मभूषण जेवी नार्लीकर ने मेधावी छात्र-छात्राओं
को सम्मानित भी किया।