रिपोर्ट में जिले के तत्कालीन एक आला अफसर का नाम शामिल बताया जा रहा है। यह नाम सामने आने के बाद शासन भी मामले में बेहद सतर्कता बरत रहा है। उक्त अधिकारी पर शिकंजा कसने से पहले हर स्तर पर जरूरी परीक्षण किया जा रहा है, ताकि चूक न रहने पाए। वहीं मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि जांच में सामने आए तथ्यों के अनुरूप सरकार कार्रवाई करेगी।
ऊधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर में एनएच-74 मुआवजा घोटाले में अब तक आठ पीसीएस अधिकारी नप चुके हैं, जबकि काफी संख्या में अन्य कार्मिकों पर भी शिकंजा कस चुका है। पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के इस मामले को लेकर मौजूदा भाजपा सरकार सख्त है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कई दफा यह स्पष्ट कर चुके हैं कि मुआवजा घपले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। सरकार की ओर से उक्त मामले में गठित एसआइटी ने भी इस जांच को आगे बढ़ाया है।
एसआइटी की जांच रिपोर्ट में पहली बार जिले के तत्कालीन आला नौकरशाह और अब तक पकड़ में आए प्रशासनिक अधिकारियों से बड़े कद के अधिकारी की भूमिका पर अंगुली उठाई गई है। एसआइटी प्रभारी और ऊधमसिंहनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सदानंद दाते ने यह जांच रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंप दी है।
इस रिपोर्ट ने आला नौकरशाहों की बेचैनी बढ़ा दी है। सूत्रों की मानें तो उक्त जांच रिपोर्ट का दायरा और व्यापक होने की सूरत में कई बड़ी मछलियां फंसती नजर आ सकती हैं। इस संबंध में संपर्क करने पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि जांच रिपोर्ट में सामने आए तथ्यों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। इस मामले की जांच अभी जा रही है।