एनएच-74 घोटाला: जांच के दायरे में आए नौकरशाहों पर कार्रवाई तय

एनएच-74 घोटाला: जांच के दायरे में आए नौकरशाहों पर कार्रवाई तय

D.NEWS DEHRADUN ऊधमसिंह नगर में राष्ट्रीय राजमार्ग 74 चौड़ीकरण के मुआवजा घोटाले की जद में आए दोनों नौकरशाहों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। वहीं, शुक्रवार देर शाम अपर सचिव आइएएस पंकज कुमार पांडेय ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भी मुलाकात की। इससे पूर्व दोपहर में अपर सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय और अपर सचिव चंद्रेश कुमार यादव ने मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से भी मुलाकात की।

ऊधमसिंह नगर जिले में रुद्रपुर से होकर गुजरने वाले नेशनल हाईवे 74 के चौड़ीकरण में मुआवजा घोटाला सामने आ चुका है। भाजपा सरकार ने प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद सबसे पहले इसी घोटाले को उजागर किया था। इस घोटाले में यह बात सामने आई कि मुआवजा देने के लिए सरकारी अधिकारियों ने भू-उपयोग बदलने के साथ ही कुछ मामलों में तय से कहीं अधिक मुआवजा देने का काम किया।

इस मामले में अभी तक आठ पीसीएस अधिकारी प्रथम दृष्ट्या आरोपी पाए गए हैं। इनमें से सात निलंबित हैं जबकि एक सेवानिवृत्त हो चुके हैं। बीते एक वर्ष से एसआइटी मामले की जांच कर रही है। पहली बार एसआइटी ने इस मामले में आइएएस अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। यह अधिकारी आइएएस पंकज कुमार पांडेय और आइएएस चंद्रेश यादव हैं।

जिलाधिकारी के रूप में ऊधमसिंह नगर जिले में इस अवधि में ये दोनों अधिकारी आर्बिट्रेटर की भूमिका में थे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बीते रोज ही दोनों अधिकारियों को अपना पक्ष जांच एजेंसी के सामने रखने को कहा है। शुक्रवार को इन दोनों अधिकारियों ने पहले मुख्य सचिव से मुलाकात की।

हालांकि, यह मुलाकात बहुत देर नहीं चली। वहीं, शाम को आइएएस अधिकारी पंकज कुमार पांडेय ने मुख्यमंत्री से मुलाकात का समय लेकर उनसे मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री के सामने अपना पक्ष रखा। वहीं, सूत्रों की मानें तो अब सरकार इस मामले पर ज्यादा सुनने के पक्ष में नहीं है और जांच की दायरे में आए अधिकारियों पर कार्यवाही का मन बना रही है।

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