कल करेंगे 24 घंटे की भूख हड़ताल किसान, अमित शाह बोले- एक-दो दिनों में तोमर कर सकते हैं मुलाकात

देहरादून : केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान सोमवार को सभी प्रदर्शन स्थलों पर एक दिन की भूख हड़ताल करेंगे और 25 से 27 दिसंबर तक हरियाणा में सभी नेशनल हाईवे पर टोल वसूली नहीं करने देंगे। दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान बीते करीब चार हफ्ते से प्रदर्शन कर रहे हैं और नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया है कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एक-दो दिनों में किसान संगठनों से मुलाकात कर सकते हैं।

हड़ताल के बारे में जानकारी देते हुए स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने सिंघु बॉर्डर पर कहा, ”सोमवार को सभी प्रदर्शन स्थलों पर किसान एक दिन की क्रमिक भूख हड़ताल करेंगे। इसकी शुरुआत प्रदर्शन स्थलों पर 11 सदस्यों का एक दल करेगा। उन्होंने देशभर में कृषि कानूनों का विरोध कर रहे लोगों से प्रदर्शन स्थलों पर एक दिन की भूख हड़ताल करने का आह्वान किया।”

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाला ने बताया कि किसान 25 से 27 दिसंबर तक हरियाणा में सभी राजमार्गों पर टोल वसूली नहीं करने देंगे। संवाददाता सम्मेलन में किसान नेता राकेश टिकैत भी मौजूद थे। टिकैत ने कहा कि नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान 23 दिसंबर को किसान दिवस मनाएंगे। उन्होंने कहा, ”हम लोगों से अनुरोध करते हैं कि इस दिन वे दोपहर का भोजन न पकाएं।”

तोमर प्रदर्शनकारी किसानों से मिल सकते हैं: शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा है कि नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के एक-दो दिन में मुलाकात करने की संभावना है। शाह ने बंगाल में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”मैं समय के बारे में पूरी तरह से अवगत नहीं हूं, लेकिन किसानों के प्रतिनिधियों से उनकी मांगों पर चर्चा के लिए तोमर के कल (सोमवार) या परसों (मंगलवार) मुलाकात करने की संभावना है।”

किसान संगठन ने पीएम मोदी और तोमर को लिखा पत्र

वहीं, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर कहा कि वर्तमान में चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन किसी भी राजनीतिक दल से संबद्ध नहीं हैं। पीएम मोदी और तोमर को हिंदी में अलग-अलग लिखे गए पत्रों में समिति ने कहा कि सरकार की यह गलतफहमी है कि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को विपक्षी दलों द्वारा प्रायोजित किया जा रहा है। किसान संगठन की तरफ से ये पत्र तब लिखे गए जब एक दिन पहले प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर किसानों को तीन कृषि कानूनों को लेकर गुमराह करने का आरोप लगाया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *