D.NEWS DEHRADUN नैनीताल, : वन्य जीवों की सुरक्षा के मामले में सरकार के रवैये को गैर जिम्मेदार मानते हुए हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण को अंतरिम रूप से कॉर्बेट पार्क पर कब्जा करने का आदेश पारित किया है। साथ ही प्राधिकरण से पूछा है कि वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं। कोर्ट ने यह भी पूछा है कि क्या कार्बेट नेशनल पार्क के बाघों को अन्य पार्कों में शिफ्ट किया जा सकता है या नहीं।
हाथियों के मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपितों के विदेश भागने को लेकर कोर्ट ने नैनीताल पुलिस को फटकार लगाई। गुरुवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ में हिमालयन युवा ग्रामीण विकास समिति रामनगर की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि आखिर एफआइआर दर्ज होने के बाद आरोपितों में से दो को विदेश जाने से क्यों नहीं रोका गया।
खंडपीठ ने पूछा कि अपर मुख्य सचिव गुर्जरों से जंगलों में बचाने के मामले में शपथ पत्र क्यों नहीं दाखिल कर रहे है। कोर्ट ने इस मामले में अपर मुख्य सचिव को 30 अगस्त को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश दिए हैं। यह बताने को कहा कि अदालत के आदेश के अनुपालन में अब तक क्या कार्रवाई की गई है। साथ ही कहा कि सरकार द्वारा तीन बार पेश हलफनामा कोर्ट को गुमराह करने के मकसद से पेश किया गया।
खंडपीठ ने राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण से कॉर्बेट पार्क का अध्ययन कर तीन माह में यह बताने को कहा कि क्या वन विभाग सही काम कर रहा है या नहीं। साथ ही यह बताने को भी कहा कि वन्य जीव कार्बेट से दूसरे पार्क में शिफ्ट हो सकते हैं या नहीं। कोर्ट ने कहा कि अब तक सात प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, जिसमें से एक आरोपित कनाडा, दूसरा हज यात्रा पर चला गया है, जबकि एक को जमानत मिल चुकी है। उन्होंने पुलिस द्वारा आरोपितों को नहीं रोके जाने पर कड़ी नाराजगी प्रकट की। कोर्ट में कॉर्बेट नेशनल पार्क के निदेशक राहुल, एसएसपी नैनीताल जन्मेजय खंडूरी भी पेश हुए।
आदेश के प्रमुख बिन्दु
-कॉर्बेट नेशनल पार्क से जुड़े बाग बगीचों से पेड़ काटने की अनुमति सिर्फ रामनगर डीएफओ देंगे
-रिसॉर्ट से छुड़ाए गए हाथियों को कालागढ़ या ढिकाला जोन में छोड़ें व उन पर निगरानी रखें प्रमुख वन संरक्षक, तीन दिन में कर सकते हैं शिफ्ट
-डीएफओ रामनगर की ओर से मुकदमा दर्ज करने के बाद आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं करने पर एसएसपी का जवाब तलब
-रामनगर के आसपास पेड़ काटने पर लगाई रोक
-आम लीची के पेड़ काटने के लिए भी जरूरी होगी अनुमति