गढ़वाल सीट पर सातवीं बार खंडूड़ी बनाम रावत

D.J.S News Dehradun : उत्तराखंड की गढ़वाल लोकसभा सीट पर 1991 से लेकर अब तक छह बार चुनावी जंग रावत बनाम खंडूड़ी रही। सातवीं बार भी यह लड़ाई टी.एस रावत और खंडूड़ी के बीच होना लगभग तय हो गया है। अंतर यह होगा कि पहली बार मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) बीसी खंडूड़ी मैदान से बाहर होंगे। इस बार उनके पुत्र मनीष खंडूड़ी इस कमी को पूरा करेंगे, लेकिन कांग्रेस के झंडे के साथ। पहली बार खंडूड़ी कांग्रेस की तरफ से और रावत भाजपा के टिकट पर लड़ेंगे। अब तक कांग्रेस की तरफ से रावत हुआ करते थे।


कांग्रेस ने गढ़वाल सीट पर पूर्व सीएम भुवन चंद्र खंडूड़ी के पुत्र मनीष खंडूड़ी को टिकट दिया है। भाजपा से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में गढ़वाल लोकसभा पर 2019 का मुकाबला भी रावत बनाम खंडूड़ी के बीच हो रहा है। यहां वर्ष 1991 में रावत बनाम खंडूड़ी के बीच चुनावी जंग शुरू हुई थी। तब भाजपा से भुवन चंद्र खंडूड़ी चुनाव जीते। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल महाराज उर्फ सतपाल रावत को हराया।


1996 में एकबार फिर चुनाव रावत बनाम खंडूड़ी रहा। इस बार तिवारी कांग्रेस से सतपाल रावत ने भाजपा प्रत्याशी बीसी खंडूड़ी को हराया। तीसरे नंबर पर कांग्रेस प्रत्याशी विजय बहुगुणा रहे। 1998, 1999, 2004 में बीसी खंडूड़ी ने सतपाल रावत को हराया। 2008 में जरूर भाजपा से टीपीएस रावत ने कांग्रेस के सतपाल रावत और 2009 में कांग्रेस से सतपाल ने भाजपा के टीपीएस रावत को चुनाव हराया।


2014 में एकबार फिर चुनावी जंग रावत बनाम खंडूड़ी रही। इस बार बीसी खंडूड़ी ने कांग्रेस से हरक सिंह रावत को हराया। 2019 में गढ़वाल लोकसभा चुनाव की बिसात में तीरथ सिंह रावत और मनीष खंडूड़ी आमने सामने होंग


नेहरू सरकार में भी गढ़वाल ने दिए मंत्री
गढ़वाल लोकसभा से रिकॉर्ड लगातार चार बार भक्तदर्शन सिंह रावत सांसद का चुनाव जीते। जवाहर लाल नेहरू सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री भी रहे। वे 1952, 1957, 1962, 1967 में चुनाव जीत संसद पहुंचे। इस सीट से सतपाल महाराज 1996 में तिवारी कांग्रेस से चुनाव जीतकर केंद्र में रेल एवं वित्त राज्य मंत्री बने। फिर रिकॉर्ड पांच बार बीसी खंडूड़ी इस सीट से चुनाव जीते।

विधानसभा : 14 सीटों में से 13 पर भाजपा-
गढ़वाल सीट में 61% राजपूत वोटर हैं, जो चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इस सीट में बदरीनाथ, केदारनाथ, थराली, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, देवप्रयाग, यमकेश्वर, नरेंद्रनगर, श्रीनगर, लैंसडौन, चौबट्टाखाल, पौड़ी, रामनगर, कोटद्वार समेत कुल 14 विधानसभाएं हैं। इनमें से 13 सीटों पर भाजपा का कब्जा है।.


सीट का भूगोल- 
परसीमन से पहले इस सीट में देहरादून नगर निगम का पूरा क्षेत्र शामिल था। हालांकि भौगोलिक स्थति के लिहाज से ये सीट खासी दुर्गम है। चमोली जिले की चीन सीमा से सटे क्षेत्रों के साथ ही इसका एक हिस्सा कुमाऊं की सीम

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *