देहरादून। बंद मकानों का ताला तोड़कर चोरी करने के आरोप में पुलिस ने सीआरपीएफ सिपाही समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से सोने-चांदी के गहने और 45 हजार रुपये नगद बरामद हुए हैं। पुलिस का दावा है कि आरोपियों से बरामद माल दो अलग-अलग थाना क्षेत्रों में हुई चोरियों का है। पुलिस अधीक्षक नगर श्वेता चौबे ने बताया कि 17 जून को सुभाषनगर में राजेंद्र सिंह के मकान से दिन में ही चोरों ने ताला तोड़कर लाखों रुपये के गहने और नगदी चोरी कर ली थी। सीसीटीवी कैमरों में कैद कुछ संदिग्धों की तस्वीर के आधार पर जांच शुरू की गई। शनिवार शाम क्लेमेंटटाउन पुलिस ने नई बस्ती मार्ग पर पीपलेश्वर मंदिर के पास से तीन संदिग्ध लोगों को पकड़ा। पूछताछ में तीनों ने शहर में कई चोरी की घटनाओं को अंजाम देने की बात स्वीकार की। आरोपियों के नाम सुनील कुमार निवासी सेक्टर 16 फरीदाबाद, अखलाक सैफी निवासी तारापुरी लिसाड़ी गेट मेरठ और संदीप स्वामी उर्फ संजू पंडित निवासी सराफ बाजार घंटाघर दिल्ली गेट मेरठ हैं।
इनमें सुनील सीआरपीएफ में सिपाही है। इनके पास से राजेंद्र सिंह के मकान से चोरी हुई हीरे की अंगूठी, चार सोने के कड़े, 40 हजार रुपये और डोईवाला थाना क्षेत्र में हुई चोरी से संबंधित सोने की एक अंगूठी, डिजिटल कैमरा, पांच हजार रुपये और चोरी में प्रयुक्त पल्सर मोटरसाइकिल बरामद हुई है। इसके अलावा आरोपियों ने गंगनहर रुड़की में चोरी की कई घटनाओं को अंजाम दिया है।
10 मिनट में देते थे चोरी को अंजाम
दून पुलिस के हत्थे चढ़ा चोरों का यह गैंग नया है, लेकिन बेहद शातिर है। इस गैंग को मकान का ताला तोड़ने से लेकर चोरी करने के बाद घर से निकलकर भागने में महज 10 मिनट का समय लगता था। इसकी तस्दीक लगभग सभी जगह सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी कर रही हैं। इसी तेजी के कारण यह गैंग रेकी के बजाय ताला लगे घरों को निशाना बनाते थे।
गैंग का सरगना सीआरपीएफ का सिपाही सुनील ही बताया जा रहा है। सुनील बेहद शातिर है। थानाध्यक्ष क्लेमेंटटाउन योगेंद्र गुसांई ने बताया कि सुनील जब छुट्टी आता था तभी वह चोरी को अंजाम देता था। मूल रूप से हरियाणा के फरीदाबाद का रहने वाला सुनील उत्तराखंड के रुड़की, देहरादून और हरिद्वार आदि शहरों में अपने गैंग के साथ सक्रिय रहता है। थानाध्यक्ष के अनुसार सुभाषनगर में राजेंद्र सिंह के घर पर यह गैंग दोपहर 2:02 बजे घुसा था। इसके ठीक 10 मिनट बाद 2:12 बजे तीनों लोग मकान से बाहर जाते दिख रहे हैं। पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्हें चोरी में ज्यादा वक्त नहीं लगता था इसी कारण वे कहीं रेकी भी नहीं करते थे। कॉलोनियों में आम नागरिक की भांति आते थे और ताला लगे घरों में चोरी करने के बाद निकल जाते थे।