D.NEWS DEHRADUN : लखनऊ । अब भीम आर्मी के चंद्रशेखर उर्फ रावण की रिहाई के बहाने भी भाजपा सरकार दलित एजेंडे पर आगे बढ़ रही है। लेकिन जेल से रिहा होकर घर पहुंचे रावण ने भाजपा सरकार को सीधे निशाने पर रखा और कहा कि भीम आर्मी 2019 के लोकसभा चुनाव में केंद्र की दलित व गरीब विरोधी भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का काम करेगी। यदि इसके लिए जरूरत पड़ी तो साथियों से मंथन के बाद गठबंधन का सहयोग किया जायेगा।
रिहाई कार्यकर्ताओं के संघर्ष का नतीजा
रावण ने अपनी समयपूर्व रिहाई को कार्यकर्ताओं के संघर्ष का नतीजा और इंसाफ की जीत बताया और कहा कि मायावती मेरी बुआ है, मैं उनका सम्मान करता हूं। समर्थकों ने जेल के बाहर मिठाई बांट कर जश्न मनाया। दो और साथी जेल से रिहा हुए। दरअसल, गुरुवार को रावण की रिहाई को भाजपा भले ही अपना दलित एजेंडा आगे बढ़ने की कड़ी मान रही है और बसपा के मुकाबले उसे अच्छी चुनौती मान कर चल रही है लेकिन रावण के बयान से जाहिर है कि वह बसपा के लिए चुनौती नहीं है।
रावण के घर समर्थकों का तांत
दलित प्रेम में कोई कोर-कसर नहीं
भीम आर्मी का मकसद दलितों की सुरक्षा
भीम आर्मी पहली बार अप्रैल 2016 में हुई जातीय हिंसा के बाद सुर्खियों में आई थी। दलितों के लिए लड़ाई लड़ने का दावा करने वाले चंद्रशेखर की भीम आर्मी से आसपास के कई दलित युवा जुड़ गए हैं। चंद्रशेखर का अनेक मौकों पर कहता आया है कि भीम आर्मी का मकसद दलितों की सुरक्षा और उनका हक दिलवाना है लेकिन इसके लिए वह हर तरीके को आजमाने का दावा भी करते थे जो कानून के खिलाफ भी है।