D.NEWS DEHRADUN : जिला एवं सत्र न्यायाधीश पौड़ी की अदालत ने नाबालिग भांजी से दुराचार के दोषी मामा को दस साल की सजा सुनाई है। साथ ही विभिन्न धाराओं में दस हजार का अर्थदंड भी लगाया है। इस मामले में पहले राजस्व क्षेत्र में मुकदमा दर्ज हुआ था और बाद में रेगुलर पुलिस को जांच सौंपी गई थी। जिला शासकीय अधिवक्ता अवनीश नेगी ने बताया कि आरोपी मामा नाबालिग भांजी को बहला फुसलाकर घर से भगा ले गया। वह करीब 35 सालों से घर से गायब रहा और इस बीच उसने धर्मपरिर्वतन भी कर लिया। 12 फरवरी 2018 से जब नाबालिग घर नहीं पहुंची तो पिता ने राजस्व क्षेत्र तल्ला ढ़ागू में 20 फरवरी को गुमशुदगी दर्ज करवाई। डीएम के आदेश पर यह मामला थाना लक्ष्मणझूला को 15 मार्च 2018 को स्थानांतरित हुआ। पुलिस ने आरोपी को ऋषिकेश से 23 मार्च 2018 को गिरफ्तार किया और नाबालिग को भी बरामद किया। पुलिस ने छानबीन में पाया कि आरोपी, नाबालिग को घर से बहला फुसलाकर चंडीगढ़ ले गया और एक महीने तक साथ रखा। पुलिस ने जब पीड़िता का मेडिकल करवाया तो वह गर्भवती पाई गई। जिस पर पोक्सो सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश पौड़ी जीएस धर्मशक्तू की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी हाल निवासी पीरवाली गली सहारनपुर को नाबालिग से दुराचार का दोषी पाया और दस साल की कठोर सजा के साथ ही विभिन्न धाराओं में दस हजार का अर्थदंड भी लगाया। कोर्ट ने डीजीसी को भी आदेश की प्रति डीएम और एसएसपी को देते हुए कहा कि नालसा के तहत प्रतिकर योजना में पीड़िता को 5 लाख की सहायता देनी सुनिश्चित की जाए। मामले में अभियोजन की ओर से दस गवाह प्रस्तुत किए गए, जिसमें पीड़िता की मां, पिता और भाई भी शामिल थे।
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