
मामला अधिनियम की धारा 179 के तहत चालान से जुड़ा है। ऑडिट में पता चला कि इसमें करीब एक करोड़ रुपये जमा होने थे, मगर इसके स्थान पर पुलिस के खजाने में महज 20 लाख रुपये ही जमा हुए हैं।
हालांकि, पुलिस इसका कारण नए पुराने नियमों में हुई गफलत को बता रही है। ऑडिट रिपोर्ट आते ही यातायात निदेशालय ने इस मामले में जांच शुरू कराई है। अब यह घपला है या गफलत यह जांच के बाद ही पता चल सकेगा।
जानकारी के मुताबिक मोटर वाहन अधिनियम की धारा 179 में यातायात और थाना पुलिस दोनों ही चालान काटते हैं। इस धारा में पहले 100 रुपये जुर्माना वसूला जाता था। कुछ समय पहले अधिनियम में हुए संशोधन में जुर्माने की रकम को 500 रुपये कर दिया गया।
साल 2016-17 के दौरान प्रदेश की यातायात व थाना पुलिस ने तकरीबन 20 हजार चालान इस धारा के तहत काटे थे। वर्तमान जुर्माने के प्रावधान के हिसाब से पुलिस को सरकारी खजाने में करीब एक करोड़ रुपये जमा कराने थे