पुलिस के मुताबिक विक्रम भाटिया (47) पुत्र मेहरचंद भाटिया निवासी ग्रीन पार्क सिविल लाइंस लुधियाना देहरादून के कैनाल रोड पर रह रहे थे। लुधियाना में भाटिया परिवार कंस्ट्रक्शन कारोबार से ताल्लुक रखता है। बेटी को पढ़ाने के मकसद से विक्रम भाटिया 2011 में देहरादून में ही बस गए थे और यहीं पर काम करने लगे। उनकी पत्नी व बच्चे बाकी परिवार के साथ लुधियाना में रहते हैं। बताया जा रहा है कि यहां विक्रम भाटिया का काम बहुत अच्छा नहीं चल रहा था।
इसी कारण से वे परेशान रहते थे। सोमवार सुबह उन्होंने बेटी को स्कूल छोड़ा और घर वापस नहीं आए। स्कूल से लौटने पर जब पिता घर नहीं मिले तो बेटी ने पड़ोसियों के साथ उनकी तलाश की। इस बीच वे तलाश करते हुए होटल राजपुर हाइट्स के सामने पहुंची तो देखा कि वहां विक्रम की ऑल्टो कार खड़ी थी। बेटी ने रिसेप्शन पर जानकारी मांगी तो पता चला कि विक्रम भाटिया अंदर कमरे में ही हैं। उन्होंने रिसेप्शन पर मौजूद कर्मचारियों के साथ कमरा खोला तो देखा कि विक्रम फांसी पर लटके हुए थे।
किसके देने हैं पांच लाख?
पत्नी से भी हुई बात
विक्रम ने सोमवार शाम को लुधियाना में अपनी पत्नी से भी फोन पर बात की थी। पत्नी ने जब बेटी के परेशान होने की बात कही तो विक्रम ने बैटरी डाउन होने का बहाना करते हुए फोन काट दिया। परिजनों से बातचीत के आधार पर पुलिस ने बताया कि वे काफी समय से परेशान चल रहे थे।
किसके देने हैं पांच लाख
प्रॉपर्टी डीलर ने डायरी में लाल रंग से लिखा है कि उसके ऊपर पांच लाख रुपये की देनदारी है। ऐसे में यह बात पुलिस के गले भी नहीं उतर रही है कि आखिर लुधियाना में इतने बड़े कंस्ट्रक्शन कारोबारी परिवार से ताल्लुक रखने वाला विक्रम भाटिया केवल पांच लाख रुपये की देनदारी के कारण आत्महत्या कैसे कर सकता है। हालांकि, पुलिस मामले की जांच कर रही है।