हरकी पैड़ी, नीलकंठ से गंगाजल और रंग-बिरंगी कांवड़ लेकर कांवड़ियों का कारवां निरंतर गुजर रहा है। कांवड़ पटरी बम-बम भोले और हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज रही है।
कांवड़ यात्रा पर पंचक का कोई विशेष असर देखने को नहीं मिल रहा है। हरकी पैड़ी, नीलकंठ से गंगाजल और रंग-बिरंगी कांवड़ लेकर कांवड़ियों का कारवां निरंतर गुजर रहा है। कांवड़ पटरी बम-बम भोले और हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज रही है।
श्रावण मास 28 जुलाई को प्रारंभ हुआ था। अगले ही दिन पंचक लग गए। ऐसे में संभावना जताई जा रही थी कि पंचक लगने से कांवड़ यात्रा पर ब्रेक लग जाएगा, लेकिन कांवड़िये हरिद्वार और नीलकंठ से गंगाजल लेकर लगातार आ रहे हैं। सोमवार को भी बहुतायत में कांवड़िये कांवड़ पटरी से भगवान शिव का जयघोष लगाते हुए अपनी मंजिल की ओर पग भरते हुए दिखाई दिए। आस्था उल्लास ऐसा है कि बच्चे हो या महिलाएं, पुरुष या फिर बुजुर्ग और दिव्यांग हर कोई वर्तमान में भोले बाबा की शरण में है।
रंग-बिरंगी कांवड़ कर रही आकर्षित
रंग-बिरंगी कांवड़ शहरवासियों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। कोई शिवभक्त छोटी तो कोई बड़ी कांवड़ अपने कंधे पर लेकर आस्था की डगर पर चल रहा है। ऐसे में कांवड़ पटरी की शोभा इन रंग-बिरंगी कांवड़ों से देखते ही बन रही है। वहीं कांवड़ मेले में देशभक्ति का रंग भी दिखाई दे रहा है। बहुतायत में शिवभक्त कांवड़ में तिरंगा लगाकर भी अपने गंतव्य को कूच कर रहे हैं।