
D.NEWS DEHRADUN : हाईकोर्ट के आदेश पर हटाए जा रहे अतिक्रमण की रफ्तार धीमी होने लगी है। टास्क फोर्स की टीमें अतिक्रमण हटाने को मौके पर जुट तो रही हैं, मगर समन्वय का अभाव होने से कार्रवाई औपचारिक नजर आ रही है। ऐसे में अफसरों, मजदूरों और मशीनों पर हर दिन लाखों रुपये का खर्चा राज्य के खाते में जुड़ रहा है। अभियान लंबा चलने से भी नुकसान ज्यादा उठाना पड़ रहा है।
हाईकोर्ट ने 18 जून को नगर निगम क्षेत्र की सड़क, नाली और सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे। अफसरों से कुछ दिन तक आदेश का इंतजार कर उसका अध्ययन कराया गया। इसके बाद 27 जून से अभियान शुरू हुआ। इसके लिए चार जोन बनाते हुए एक सप्ताह तक तेजी से कार्रवाई की गई। इससे काफी हद तक परिणाम भी दिखे।
मगर, धीरे-धीरे यह रफ्तार अब धीमी पड़ गई है। स्थिति यह है कि अधिकारी, कर्मचारी, मजदूर, मशीनें और दूसरे सभी संसाधन चार जोन के हिसाब से तय हैं। लेकिन, अभियान सिर्फ दो जोन में खानापूर्ति को चल रहा है। गुरुवार को लाल पुल से कारगी चौक के बीच शुरू हुए अभियान में अफसरों के बीच समन्वय का भारी अभाव दिखा।
टीम मशीनरी और मजदूरों के साथ पहुंच गई थी। लेकिन, दो घंटे देर से पुलिस पहुंची। इसके बाद यह तय नहीं हो पाया कि अतिक्रमण कहां से हटेगा। सूची बनाने वाली टीम भी दूसरी थी। ऐसे में अतिक्रमण को ढूंढने में एक घंटा और खराब हो गया। इसके बाद बमुश्किल दो घंटे तक अभियान चला।
इस दौरान अफसरों से लेकर मजदूरों और मशीनों का खर्चा लाखों रुपये बैठा, जबकि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नाली और फुटपाथ तोड़ने तक सीमित दिखी। इस मार्ग पर अधिकांश अतिक्रमण लोगों ने स्वयं हटा दिया था। कुछ ऐसा ही कमला पैलेस से सेंट ज्यूड्स चौक के बीच भी देखने को मिला। हालांकि अफसरों का कहना था कि बारिश और दूसरे कारणों के चलते अभियान में थोड़ा देरी हुई।
हटाए जाएंगे सारे अतिक्रमण
अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश के मुताबिक शहर के मुख्य मार्गों और नगर निगम की सीमा क्षेत्र में आने वाले सभी अतिक्रमण हटाए जाएंगे। अभियान के दौरान यदि लापरवाही बरती गई तो ऐसे कर्मचारी-अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अतिक्रमणकारियों को लाभ पहुंचाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। धीमी और गलत कार्रवाई पर न्यायालय के आदेश की अवहेलना मानते हुए ऐसे कार्मिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
टीम में ये थे शामिल
चार एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी, लोनिवि, सिंचाई, नगर निगम, एमडीडीए के अधिकारी और कर्मचारी। इसके अलावा पुलिस के दारोगा से लेकर पीएसी और सिविल पुलिस की लंबी-चौड़ी फौज। एक टीम के साथ तीन-तीन जेसीबी, डंपर, ट्रैक्टर और 100 से ज्यादा मजदूर शामिल थे।
अजबपुर में सही पाया अतिक्रमण
अजबपुर में चिह्नित अतिक्रमण के खिलाफ टावर पर चढऩे वाले की मांग पर दोबारा पैमाइश की गई। इसके लिए एसडीएम सदर प्रत्यूष सिंह मौके पर पहुंचे। तीन बार हर जगह से नक्शा देखा गया, लेकिन पैमाइश पूरी तरह से ठीक पाई गई। एसडीएम ने कहा कि अब जहां लाल निशान लगाए गए हैं, वहां से ही अतिक्रमण हटाया जाएगा।
करनपुर में फिर बंद किया बाजार
करनपुर में दोबारा पैमाइश को लेकर स्थानीय व्यापारियों ने फिर बाजार बंद किया। इस दौरान व्यापारियों ने कहा कि प्रशासन उत्पीड़न की कार्रवाई कर रहा है। इससे बाजार में व्यापारियों ने कार्रवाई का विरोध करते हुए सांकेतिक प्रदर्शन किया। कहा कि गलत चिह्नीकरण की कार्रवाई स्थगित न की गई तो व्यापारियों को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। हालांकि मामले में एसडीएम सदर प्रत्यूष सिंह ने कहा कि शुक्रवार को यहां दोबारा सीमांकन कराया गया।
कारगी और जीएमएस रोड पर 160 अतिक्रमण ढहाए
हाईकोर्ट के आदेश पर चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत गुरुवार को 160 अतिक्रमण ध्वस्त किए गए। इस दौरान शहर के तीन जोन में 58 नए अतिक्रमण पर लाल निशान लगाए गए। अबजोहड़ी गांव और शिमला बाईपास रोड पर अतिक्रमण हटाया जाएगा।
टास्क फोर्स ने लालपुल से कारगी चौक के बीच करीब 49 अतिक्रमण ध्वस्त किए। इस दौरान एसडीएम चकराता बृजेश तिवारी के नेतृत्व में कार्रवाई की गई। इसके अलावा दूसरी टीम ने एसडीएम मसूरी मीनाक्षी पटवाल के नेतृत्व में कमला पैलेस से सेंट ज्यूड्स चौक तक अतिक्रमण हटाया। यहां करीब 111 अतिक्रमण ध्वस्त किए गए। अभियान के तहत अब तक 7266 अतिक्रमण चिह्नित और 3659 ध्वस्त किए जा चुके हैं।
सरकारी अतिक्रमण की नहीं दे रहे जानकारी
अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि सभी विभागों को अपने-अपने अतिक्रमण को लेकर जानकारी दिए जाने के निर्देश दिए गए थे। मगर, अभी तक किसी ने भी इसकी रिपोर्ट नहीं दी है। उन्होंने चेतावनी दी कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन न करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।