पहाड़ पर राजनीति तो नेता भी पहाड़ी बनकर दिखाएं

पहाड़ पर राजनीति तो नेता भी पहाड़ी बनकर दिखाएं

D.NEWS DEHRADUN: गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान के अंतर्गत शनिवार को ग्राम प्रधान संगठन, छात्र नेता और चार धाम विकास परिषद सहित दर्जनों लोग आंदोलन में कूदे। साथ ही सरकार और नेताओं को नसीहत भी दे डाली। कहा, पहाड़ पर राजनीति करनी है तो नेता स्वयं भी पहाड़ी बन कर दिखाएं।

कार्यकर्ताओं ने कहा कि दून से उठने वाला आंदोलन गैरसैण को राजधानी बनाएगा। आंदोलनकारियों का शनिवार को धरना प्रदर्शन का 20वां दिन था। आंदोलन को समर्थन देने वालों में भिलंगना घाटी ग्राम प्रधान संगठन के अध्यक्ष प्रभात उनियाल, चार धाम विकास परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष सूरतराम नौटियाल, वानिकी मृतक कर्मचारी आश्रित संगठन की अध्यक्ष लीलावती भानु आदि प्रमुख रहे। इस मौके पर प्रधान संगठन के उनियाल ने कहा कि आंदोलन से राजधानी गैरसैण का सपना साकार होगा। उन्होंने कहा कि पहाड़ पर राजनीति करनी है तो नेता को भी पहाड़ी बनना चाहिए। वहीं राजनेता पहाड़ का सच्चा हितैषी होगा। चारधाम विकास परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष सूरत राम नौटियाल ने कहा कि गैरसैण राजधानी बनती है तो वह तीर्थाटन और पर्यटन के नए दरवाजे खोलेगा। वहीं आश्रित संगठन की अध्यक्ष लीलावती भानू ने कहा कि उनके संगठन को जो भी जिम्मेदारी अभियान की ओर से मिलेगी पूरी की जाएगी। संगठन की महासचिव रजनी भंडारी ने कहा कि गैरसैण अभियान दबे कुचलों और महिला संघर्ष की लड़ाई है। समाज सेवी कविंद्र इस्टवाल ने कहा कि गैरसैण को आधुनिक तरीके से विकसित किया जाना चाहिए। इससे पूर्व आंदोलनकारियों ने गैसैण राजधानी की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। प्रदर्शन करने वालों में भार्गव चंदोला, डीएवी पीजी कॉलेज के पूर्व महासचिव राजकुमार जायसवाल, महेंद्र सिंह नेगी, संजय पाठक, मनोज ध्यानी, पूर्व सैनिक पीसी थपलियाल, मदन भंडारी, संदीप चमोली, शीशपाल बिष्ट, सुभाष रतूडी, जेएस बिष्ट, संजय किमोठी, उदवीर पंवार, सुरेश नेगी, सुशील, सालावाला विकास समिति के पूर्व अध्यक्ष मनोज बिजल्वाण, मोहन पंत, शंकर विश्वनाथ, मोमिया, आनंद प्रकाश जुयाल, पुष्कर नेगी, एसएल ध्यानी आदि प्रमुख रहे।

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