देहरादून, (देवभूमि जनसंवाद न्यूज़) भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण उत्तरी क्षेत्रीय केंद्र देहरादून में यू-सर्क एवं एसोसिएशन फॉर प्लांट टैक्सनॉमी के सहयोग से पांच दिवसीय पादप नामकरण कोर्स का उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया इस अवसर पर कोर्स विशेषज्ञ के रूप में डॉ केएन गांधी नामेनक्लेचर रजिस्टर हावर्ड यूनिवर्सिटी यूएसए डॉक्टर ए ए माओ निदेशक भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण कोलकाता डॉक्टर अरुण सिंह रावत महानिदेशक आईसीएफआरई मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए डॉ एसके अग्रवाल उपाध्यक्ष ए.पी.टी डॉ गौरव शर्मा विभाग अध्यक्ष भारतीय प्राणी संस्थान एवं डॉक्टर एस के सिंह कार्यालय अध्यक्ष देहरादून ने दीप प्रज्वलित करके पादप नामकरण कोर्स का उद्घाटन किया। इस कोर्स में देश के 14 राज्यों से आए हुए 70 प्रोफेसर एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ अरुण सिंह रावत ने वर्तमान परिदृश्य में पादप नामकरण की महत्ता एवं उपयोगिता के महत्व को बताया , साथ ही डॉक्टर ए ए माओ निदेशक भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण कोलकाता ने भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण द्वारा पादप अनुसंधान पर किए गए कार्यों एवं पादप नामकरण की प्रक्रिया व्यापार संबंधित जानकारी दी.
मुख्य वक्ता के रूप में डॉ केएन गांधी नामेनक्लेचर रजिस्टार हावर्ड यूनिवर्सिटी यूएसए ने अपने उद्घाटन संबोधन में शिंजेन कोड के विषय में बताया और आने वाले दिनों में संपूर्ण कोड के नियमों को कार्यान्वित करने पर चर्चा की, कार्यक्रम में एसोसिएशन फॉर प्लांट टाक्सोनॉमी संस्था ने पादप वर्गिकी कार्य करने के लिए देश के 11 वैज्ञानिकों को पद को से सम्मानित किया
इस दौरान डॉ एसके सिंह द्वारा लिखित पुस्तक पुस्तक टेरिडोफाइट्स ऑफ मेघालय पिक्टोरियल गाइड का विमोचन भी किया, कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ एसके सिंह कार्यालय अध्यक्ष भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण ने की इस दौरान कार्यालय के सभी वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ हरिसिंह, मनीष कंडवाल, गिरिराज सिंह पवार, पुनीत कुमार, बृजेश कुमार, डॉक्टर समीर पाटील, भावना जोशी एवं शोध छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम का संचालन मोनिका एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ गिरीराज सिंह पवार, वैज्ञानिक ने किया।