देहरादून, (देवभूमि जनसंवाद न्यूज़) विरासत महोत्सव 2024 की धूम निरंतर बनी हुई है I विरासत द्वारा संजोकर रखी गई धरोहरो, जानी मानी विश्व विख्यात हस्तियों को भी विरासत में लाकर लोगों के सम्मुख पेश किया जा रहा है I आज की विरासत महोत्सव की पहली कड़ी सुबह के समय स्कूली बच्चों के गढ़वाली व कत्थक इत्यादि आकर्षक नृत्यों के साथ प्रारंभ हुई I विरासत साधना के अंतर्गत आज स्कूली छात्राओं श्रुति, आस्था, तुषार, श्वेता रावत के अलावा अन्य होनहार छात्राओं जसविन कौर, श्रव्या रावत, दून इंटरनेशनल स्कूल की ऐशानी, ब्रुकलिन स्कूल की प्रियांका, रितार्निया चमोली, ब्राइटलैंड स्कूल की छात्रा जियाया रल्ली, वेबदी मुद्गल ने आकर्षित एवं मनमोहक नृत्य की अलग-अलग शानदार प्रस्तुतियां देकर सभी का मन मोहा I जबकि गढ़वाली गीत की प्रस्तुति भी विरासत में छाया I
सांसद श्री राकेश सिन्हा ने विकास और संस्कृति को बताया देश के लिए मजबूत कड़ी
‘विरासत’ में आज एक और जानी-मानी एवं मशहूर शख्सियत प्रो. राकेश सिन्हा ने अपनी मौजूदगी दर्ज करके विरासत महोत्सव की महफिल में चार-चांद लगा दिए I उन्होंने विरासत महोत्सव की शुरू हुई सुबह की पारी में अपने कुछ जज्बातों,विचारों को बड़ी ही शालीनता के साथ उजागर किया I श्री राकेश सिन्हा ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता और बौद्धिक विरासत पर जोर देते हुए एक सम्मोहक भाषण दिया। उन्होंने युवा पीढ़ी से आधुनिकता को अपनाते हुए पारंपरिक मूल्यों से जुड़ने का आह्वान किया। उनके संदेश का केंद्र भारतीय सभ्यता का विकास और संस्कृति और प्रौद्योगिकी के बीच की बातचीत थी। श्री सिन्हा ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि”प्रौद्योगिकी और एआई द्वारा मन की स्वतंत्रता पर सवाल उठाया जा रहा है I उन्होंने भारत की समृद्ध बौद्धिक विरासत पर भी विचार किया, विनोबा भावे और उपनिषद जैसे प्राचीन ग्रंथों का हवाला देते हुए तर्क दिया कि भारत का दार्शनिक प्रवचन विचारों पर केंद्रित है, जो “दूध और चीनी” के मिश्रण जैसा है। सिन्हा ने अन्य संस्कृतियों,विशेष रूप से अफ्रीकी-भारतीय संबंध के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंधों पर चर्चा भी की I
प्रो. राकेश सिन्हा सबसे सक्रिय सांसदों में से एक माने जाते हैं। वे प्रेरणादायक हैं, क्योंकि उनके भाषण, प्रश्न और हस्तक्षेप भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के उनके गहन अध्ययन और समझ पर आधारित हैं। वे तथ्यों और आंकड़ों से भरे होते हैं और वे बेबाक बोलते हैं। उनके भाषणों का सबसे अच्छा हिस्सा यह है कि वे चोट नहीं पहुँचाते, बल्कि मारते हैं। वे कागज़ात नहीं देखते या भाषण नहीं पढ़ते। एक मनोनीत सदस्य के रूप में उन्होंने पूर्वोत्तर राज्य मेघालय के चार गाँवों को गोद लिया। वे व्हिसलिंग विलेज, कोंगथोंग (पूर्वी खासी हिल्स) को राष्ट्र के ध्यान में लाने वाले पहले व्यक्ति थे। उनके गोद लेने के बाद यह गाँव सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल बन गया। माननीय प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में इस गांव का दो बार जिक्र किया है। (पीएम मोदी ने उनके सम्मान में विशेष धुन के लिए ‘सीटी वाले गांव’ कोंगथोंग को धन्यवाद दिया, ऑपइंडिया, 30 नवंबर 2021) भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र पर्यटन संगठन 2021 के समक्ष इस गांव को सर्वश्रेष्ठ पर्यटक गांव के रूप में नामित किया है। (मेघालय के सीटी वाले गांव कोंगथोंग को ‘सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव’ के रूप में नामित किया गया I मेघालय के व्हिसलिंग गांव को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव में प्रवेश के लिए चुना गया, लोकप्रिय इस सांसद राकेश सिन्हा ने पीएम को सीटी वाले गांव की विकास रिपोर्ट भी पेश की थी I उन्होंने बेगूसराय (बिहार) के बरईपुरा गांव को भी गोद लिया और वहां उन गरीब लोगों के लिए एक वर्चुअल क्लिनिक शुरू किया, जिन्हें चिकित्सा सुविधा के लिए दस मील दूर जाना पड़ता है। सांसद सिन्हा समाज सेवा के क्षेत्र में निश्चित रूप से अपना अग्रणी नाम रखे हुए हैं I