D.NEWS DEHRADUN भारत के दसवें वायसराय लार्ड लैंन्सडोन के नाम पर बसे लैंन्सडौन कस्बे को सैन्य पृष्ठभूमि के कारण पूरे देश मे जाना जाता है, साथ ही हाल के कुछ वषोंर् में इसने पर्यटन के मानचित्र में उभर कर खुद को पर्यटन नगर के रूप में स्थापित कर दिया है। प्राकृतिक सौंन्दर्य के लिए इसकी एक अलग ही पहचान है। पर्यटन को लेकर इस नगर में हाल के कुछ वर्षों में होटल रिसोर्ट की बाढ सी आ गयी जिससे नगर में होटल ही होटल दिखाई देने लगे। वर्तमान में भी निर्माणाधीन होटलों के आसपास हरे भरे वृक्षो का कटान चल रहा है लेकिन स्थानीय शासन प्रशासन चुप्पी साधे बैठा हुआ है। लैंन्सडोन नगर पूर्णत: सैन्य गतिविधियों के लिए जाना जाता है जिसकी देखरेख छावनी परिषद व प्रशासन करता है। नगर से बाहर बने होटलों के कारण यहां कई समस्याओं ने अपने पैर फैलाने शुरू कर दिये हैं। इस मुददे को लेकर छावनी परिषद के पूर्व अध्यक्ष एवं गढवाल राइफल के ब्रिगेडियर इन्द्रजीत चटर्जी की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया था कि नौ सदस्यों की समिति द्वारा नया बायलाज बनाया जायेगा जिसको मध्य कमान लखनऊ भेजा जायेगा । सभासद राजेश ध्यानी का कहना है कि नगर में होटल नियमों को ध्यान में रखते हुए बनने चाहिए। लैंसडोन में हाल के कुछ समय से भूमफियाओं की एक लम्बी तादाद खड़ी हो गई है। असली बात तो ये है कि विकास कार्यो के लिए तो भूमि नही मिल पा रही है लेकिन भूमाफियाों को आसानी से मिल रही है।
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