D.NEWS DEHRADUN मौसम के तेवर उत्तराखंड पर भारी पड़ रहे हैं। बदरीनाथ हाईवे आज सुबह लामबगड़ के पास भूस्खलन के कारण बंद हो रखा है। इससे कई यात्री मार्ग में फंसे हुए हैं। वहीं, यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग डाबरकोट के पास अभी बाधित है।
पहाड़ी से लगातार पत्थर गिरने के कारण मार्ग सुचारु करने में परेशानी हो रही है। इसके साथ ही 28 जुलाई से यमुनोत्री हाईवे जंगलचट्टी के पास बंद है। उधर, कुमाऊं मंडल के जिले चंपावत, बागेश्वर, अल्मोड़ा नैनीताल और पिथौरागढ़ में रुक रुककर बारिश हो रही है। चंपावत में शारदा और बागेश्वर में सरयू नदी के खतरे का निशान पर बह रही है। पिथौरागढ़ में 5 दिन बाद कैलास मानसरोवर यात्रियों के 10वें दल को आज अगले पड़ाव गुंजी के लिए रवाना किया गया।
गंगा चेतावनी रेखा के पास बह रही
ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगा का जलस्तर स्थिर बना हुआ है। यहां गंगा चेतावनी रेखा के पास बह रही है। मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल मौसम राहत नहीं देने वाला है। प्रदेश में अलर्ट जारी है और अगले 24 घंटे में भारी बारिश के आसार हैं, विशेषकर कुमाऊं में। ऐसे में शासन ने पर्यटकों को उच्च हिमालयी क्षेत्रों की यात्रा न करने की सलाह दी है।
गढ़वाल और कुमाऊं में नदियां उफान पर
गढ़वाल और कुमाऊं में नदियां उफान पर हैं। मंदाकिनी, नंदाकिनी, पिंडर, भागीरथी और कुमाऊं में गोरी, काली, सरयू और शारदा के जलस्तर को देखते हुए नदी किनारे रहने वालों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। कैलास-मानसरोवर यात्रा पर भी खराब मौसम का असर पड़ रहा है। देहरादून में राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि मंगलवार को गढ़वाल मंडल में भारी और कुमाऊं में भारी से बहुत भारी बारिश के आसार बन रहे हैं। उन्होंने बताया कि मौसम का यह मिजाज अगले पांच दिन ऐसे ही बना रहेगा। सलाह दी कि नदी किनारे रहने वाले लोग विशेष सतर्कता बरतें।मंदाकिनी के उफान से खतरे में पड़े गुरुड़चट्टी पुल के स्थान पर लोक निर्माण विभाग ने लकड़ी का नया पुल तैयार कर लिया है। अब गरुड़चट्टी से केदारनाथ आवाजाही संभव हो गई है। दरअसल गरुड़चट्टी केदारनाथ जाने वाले पुराने पैदल मार्ग पर एक प्रमुख पड़ाव था, लेकिन वर्ष 2013 की आपदा के बाद नया मार्ग अस्तित्व में आया तो यह पड़ाव वीरान हो गया। इन दिनों यहां केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों में जुटे श्रमिक रह रहे हैं। लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता भरत ङ्क्षसह कप्रवाण ने बताया कि पुल पर चार कुंतल भार आसानी से ले जाया जा सकता है, पुल की ऊंचाई काफी रखी गई है, मंदाकिनी नदी में पानी अधिक बढ़ने के बावजूद पुल को कोई खतरा नहीं होगा।