गंगा किनारे बसे कांगड़ी गांव में जंगल की ओर से आ रही बरसाती सिद्धसोल नदी भी उफान पर है। बरसाती नदी और गंगा के मध्य बनी में बनी सुरक्षा दीवार काफी हद तक क्षतिग्रस्त हो गई है। गंगा के उफान ने ही इस सुरक्षा दीवार को क्षतिग्रस्त किया है। जलस्तर और बढ़ रहा, ऐसे में पूरी सुरक्षा दीवार टूटी तो गंगा का पानी बरसाती नदी तक पहुंच जाएगा। इससे कांगड़ी गांव को खतरा पैदा हो गया है। ग्रामीण संबंधित स्थान पर नजरें गढ़ाए हुए हैं।
कांगड़ी निवासी दीपक शर्मा, मनीष शर्मा, राम कुमार, बिजेंद्र पाल, शिवकुमार व अजय आदि का कहना है कि जिस तरह से भूमि कटाव हो रहा है, उससे हालात सही नहीं दिख रहे हैं। भूमि कटाव तेजी के साथ हो रहा है। एक ओर गंगा, दूसरी ओर बरसाती नदी से गांव को खतरा पैदा हो गया है। अगर गंगा कटाव करती हुए बरसाती नदी तक पहुंची तो ढलान होने के कारण गंगा का रूख गांव की ओर हो जाएगा। उधर, गाजीवाला के समीप भी उफनाई गंगा ने भूमि कटाव शुरू कर दिया है। कई स्थानों पर गंगा से सटी पक्की जमीन पर दरारें आ गई हैं। जो कभी भी धंस सकती है। अभी तक कोई भी अधिकारी संबंधित क्षेत्र में भूमि कटाव देखने नहीं गया है। प्रशासन कांवड़ मेले व्यस्त है, ऐसे में इस ओर किसी का ध्यान नहीं है।
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भूमि कटाव की जानकारी क्यों नहीं
हैरानी की बात है कि आपदा प्रबंधन विभाग के पास गंगा से हो रहे भूमि कटाव को लेकर कोई जानकारी नहीं है। जाहिर है कि बाढ़ चौकियां विभाग को सही जानकारी नहीं दे रही हैं। अन्यथा कांगड़ी गांव में गंगा जिस तरह से आबादी की ओर भूमि कटाव कर रही है, वह चिंताजनक है। जलस्तर बढ़ा तो खतरा ज्यादा बढ़ सकता है।
जिला आपदा प्रबंधन की अधिकारी मीरा कैंतुरा ने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग के पास बरसात से दो स्थानों पर नुकसान की जानकारी है। भगवानपुर में दो मंजिला मकान के क्षतिग्रस्त और लक्सर में एक रपटे के बहने की सूचना है। गंगा का जलस्तर बढ़ा है। बाढ़ चौकियों के साथ ही सभी तहसीलों को भी अलर्ट कर दिया गया है। टिहरी डैम प्रबंधन से पानी न छोड़ने की अपील की गई है।
खनन के चलते पैदा हुआ खतरा
गंगा में खनन का ही परिणाम है कि भूमि कटाव से कांगड़ी गांव को खतरा पैदा हो गया है। सरकार ने 10 नंबर घाट पर खनन की अनुमति दी थी। मशीनों से हुए बड़े गड्ढों के कारण पानी ने कटाव शुरु किया है।