D.NEWS DEHRADUN रायवाला: बीते कुछ दिनों से हो रही बारिश से सौंग व गंगा नदी उफान पर है। रविवार देर रात करीब ढाई बजे सौंग नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया और गौहरीमाफी गांव में भारी तबाही मचाई। इस दौरान बाढ़ से तीन पक्के मकान, एक दुकान व एक गोशाला नदी में समा गई। कई घरों के बाउंड्रीवाल टूट गई और कमरों में पानी घुसने से सामान खराब हुआ है। एसडीआरएफ की टीम ने बमुश्किल बाढ़ में फंसे लोगों को रेस्क्यू किया। एक नवजात शिशु सहित उसकी मां व अन्य लोगों को भी एसडीआरएफ की टीम सुरक्षित जगह पर पहुंचाने में कामयाब रही। बाढ़ से अब भी गांव के 300 परिवारों का तहसील से सड़क संपर्क कटा हुआ है।
यहां भी दो दर्जन से अधिक घरों में बाढ़ का पानी घुस गया। यहां से एक परिवार के छह लोगों को एसडीआरएफ ने रेस्क्यू किया। उफान से तीन पक्के घर, एक दुकान और एक गोशाला नदी में समा गई। आधा दर्जन घरों की बाउंड्रीवाल क्षतिग्रस्त हुई है। 40 से अधिक घरों में बाढ़ का पानी घुसने से सामान व खाद्य सामग्री खराब हो गई है। नदी अब भी पूरे उफान पर है और गांव में बाढ़ का खतरा बरकरार है।
बता दें कि बीते दो अगस्त को आई बाढ़ से सौंग नदी की धारा गांव की तरफ डायवर्ट हो गई। जिससे गौहरीमाफी के 250 परिवार बीते 12 दिन से तहसील से अलग-थलग पड़े हुए थे। रविवार को करीब 50 और परिवार बाढ़ की चपेट में आ गए। सूरतेहाल यह है कि अब पूरी ग्रामसभा बाढ़ की जद में है। गांव के 300 परिवारों का सड़क संपर्क तहसील से पूरी तरह कटा हुआ है। जिलाधिकारी एसए मुरुगेशन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने राहत कार्यों की समीक्षा की और मातहतों को जरूरी निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने बताया कि लोगों को फौरी मदद के लिए सभी संभव उपाय किए जा रहे हैं। प्रभावित लोगों तक कनेक्टिविटी बनाने के लिए अस्थायी झूला पुल या ट्रॉली लगाने की संभावना जांची जा रही ह
कड़ों बीघा धान के खेत बर्बाद
बाढ़ से खेतों को भी व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचा है। गौहरीप्लाट और टिहरीफार्म नंबर तीन में सैकड़ों बीघा धान के खेत नदी में समा गए हैं। 12 दिन से आपदा की मार झेल रहे ग्रामीणों की फसल बर्बाद होने से उनकी रोजी रोटी का जरिया छिन गया है। जाहिर सी बात है कि अगर सरकार ने पीडि़तों की भरपूर मदद न की तो आने वाले दिनों में उनकी मुसीबतें बढ़ना तय है।
लोग भी जुटे मदद में
बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आसपास के लोग भी जुट रहे हैं। जिन घरों तक लोगों का पहुंचना संभव था। वहां जाकर स्थानीय युवाओं ने बाढ़ में फंसे लोगों व उनका सामान आदि निकालने में मदद की। हालांकि गंगा प्रेम हॉस्पिस भी बाढ़ में घिरा हुआ है। बावजूद इसके हॉस्पिस की तरफ से आसपास के बाढ़ पीड़ित 30 लोगों को हॉस्पिस के सुरक्षित हिस्से में आश्रय दिया गया है और उनके रहने व भोजन का प्रबंध किया जा रहा है। भाजपा नेता सुदेश कंडवाल, प्रतीतनगर के उपप्रधान दीवान सिंह चौहान, राजेश जुगलान, गणेश रावत, नवीन चमोली आदि लोग पूरे दिन बाढ़ पीड़ितों की मदद में जुटे रहे।
नदी में डूबे स्कूल
बाढ़ से राजकीय प्राथमिक विद्यालय गौहरीप्लाट, जूनियर हाईस्कूल गौहरीमाफी व प्राथमिक विद्यालय गौहरीमाफी जलमग्न हो गए हैं। स्कूल के अंदर भी पानी भरा हुआ है। फिलहाल स्कूल खुलना संभव नहीं है। मां आनंदमयी मेमोरियल इंटर कॉलेज की बाउंड्रीवाल को भी बाढ़ से नुकसान पहुंचा है। नदी स्कूल से सट कर बह रही है। बिजली के चार पोल भी नदी में बह गए हैं। हालांकि ऊर्जा निगम ने इस लाइन को कट करके दूसरी तरफ से बिजली सप्लाई का वैकल्पिक इंतजाम कर आपूर्ति सुचारू कर दी है।
डीएम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र गौहरीमाफी का लिया जायजा
गौहरीमाफी में बाढ़ में फंसे ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन भावी एक्शन प्लान की तैयारी में जुट गया है। सोमवार को जिलाधिकारी ने प्रभावित क्षेत्र में पहुंचकर ड्रोन कैमरे से सर्वे कराया। जल्द पुल और सुरक्षा दीवार पर निर्णय लेने की बात कही गई। इसके लिए लोनिवि और सिंचाई विभाग को प्लान तैयार करने के मौके पर ही निर्देश दिए गए।
सौंग नदी के उफान से गौहरीमाफी गांव के ग्रामीण खतरे की जद में हैं। क्षेत्र के हालात विकट होने पर सोमवार को जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन ने गांव पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। जिलाधिकारी ग्रामीणों के बीच पहुंचे।
उन्होंने ग्रामीणों से रेस्क्यू कार्यों की जानकारी ली और प्रशासन की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इसके बाद जिलाधिकारी ने स्थानीय गेस्ट हाउस में लोनिवि, सिंचाई, राजस्व एवं बाढ़ संबंधित कार्य से जुड़े विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने कहा कि भविष्य के खतरों को देखते हुए यहां झूला और मोटर पुल या दूसरे आवाजाही का विकल्प तैयार करना जरूरी है। इसके लिए उन्होंने लोनिवि से क्षेत्र का सर्वे कर जल्द कार्ययोजना भेजने के निर्देश दिए। सिंचाई विभाग के अधिकारियों को नदी के चैनलाइजेशन और आरबीएम हटाने की योजना बनाने के निर्देश दिए। स्थायी व्यवस्था होने तक प्रभावित लोगों की कनेक्टिविटी को बनाए रखने के लिए विभाग को ट्रॉली लगाने की संभावनाएं तलाशने को कहा। एडीएम वित्त एवं राजस्व बीर सिंह बुदियाल को डीएम ने प्रभावित क्षेत्र के हर अपडेट से अवगत कराने के निर्देश दिए।
सड़क पर गड्ढे और जलभराव दें रहे दुर्घटना को न्योता
भारी बारिश से हो रहे जलभराव और ऊपर से सड़कों पर पड़े गड्ढे दुर्घटना को न्योता दे रहे हैं। आए दिन इन गड्ढों में रपट कर दोपाहिया वाहन सवार चोटिल हो रहे हैं। शहर में ड्रेनेज के हालात यह है कि थोड़ी सी बारिश होने पर ही सड़के तालाब बन जाती है। इन सड़कों में कई सड़के तो ऐसी हैं जिनकी लोनिवि ने इसी साल पेटिंग की थी। मगर बारिश ने इन सड़कों की गुणवत्ता की पोल खोलकर रख दी हैं।
बारिश में राजधानी की सड़कों में आवाजाही करना जोखिम भरा साबित हो रहा है। हालात यह है कि हरिद्वार रोड, चकराता रोड, सहारनपुर रोड के अलावा शहर को जोडऩे वाली लिंक और संपर्क मार्गों पर जगह-जगह गड्ढे हैं। बारिश में इस गड्ढों में पानी भरने से यह गड्ढे वाहन चालकों और राहगीरों को नजर नहीं आते जिससे वह इन पर रपट कर चोटिल हो रहे हैं। लोनिवि ने इन गड्ढों को दुरुस्त करने के लिए कुछ जगह ईट के टुकड़े लगाए हैं लेकिन यह इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे है। साथ ही ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने के लिए भी जिम्मेदार विभाग फ्लाप साबित हुआ है जिससे बरसात में मुसीबत और बढ़ गई है।
सुसवा नदी से बडकली में कई घरों को खतरा
देहरादून: रविवार रात से सोमवार सुबह तक हुई मूसलाधार बारिश से शहर की सड़कें और कई कॉलोलियों में जलभराव हुआ। बिंदाल और रिस्पना नदी के जलस्तर बढऩे से तटवर्ती क्षेत्र के लोग दहशत में रहे। इधर, सुसवा नदी का जल स्तर बढऩे से ग्राम मोहम्मदपुर बडकली में कई घर खतरे की जद में आ गए हैं। यहां से प्रशासन ने चार परिवारों के सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिए हैं। इसमें दो परिवार के 12 लोगो को मिलन केंद्र में शिफ्ट किया गया। साथ ही नदी के प्रवाह को डायवर्ट करने के लिए कार्य कराया जा रहा है। इसके अलावा शहर के बंजारावाला, सेवलाकला, पटेलनगर, आर्यनगर, रायपुर आदि क्षेत्रों की कईं कॉलोनियों में जलभराव हुआ। अग्निशमन टीम ओर एसडीआरएफ की टीमों ने मौके पर पहुंचकर पानी की निकासी कराई।
जिले में 22 मार्गों बंद
बारिश के चलते जनपद के 22 मार्ग मलबा आने से बंद हैं। लम्बीधार -किमाडी, पीपीसीएल, मोलधार सेरकी सिल्ला, छमरोली सरोना, सहस्रधारा चामासारी, कालीगाड समेत अन्य मार्गों पर आवाजाही ठप रही। इधर, मसूरी मार्ग भी कई जगह भूस्खलन के चलते आवाजाही बाधित रही।
सीने से चिपका कर जवान ने बचाई नवजात की जान
गौहरीमाफी में एसडीआरएफ ने बाढ़ से घिरे एक घर से एक नवजात सहित पांच लोगों को रेस्क्यू किया। बाढ़ में बुरी तरह फंस चुके इस परिवार के आठ माह के शिशु को एसडीआरएफ का एक जवान ने अपने सीने से चिपकाकर सुरक्षित ढंग से बाहर निकाला।
सोमवार तड़के जब टीम घर में फंसे लोगों को निकाल रही थी तो एक महिला अपने शिशु को लेकर पहुंची। महिला के हाथ में छोटे बच्चे को देखकर एसडीआरएफ के जवानों ने पहले नवजात को सुरक्षित रखने का इंतजाम किया।टीम के एक सदस्य ने पहले एक रस्सी को पकड़कर उफनती नदी में चेन बनाई और महिला से बच्चे को लाने के लिए कहा। महिला उफनती नदी में बच्चे को गोद में लेकर चलने लगी, लेकिन बच्चे को लेकर पानी के तेज बहाव में चलना मुश्किल था। इसके बाद टीम के एक जवान किशोर कुमार ने हिम्मत दिखाई।
उसने बच्चे को एक कपड़े में लपेटकर अपने सीने से बांध लिया और फिर धीरे-धीरे बच्चे को पानी से सकुशल बाहर निकाल लाया। इसके साथ ही टीम ने घर से बच्चे की मां पूजा, मुकेश नाथ, बसंत नाथ व चंद्रमा देवी को रेस्क्यू किया। इस रेस्क्यू के सफल होने के बाद मौके पर मौजूद लोगों व बच्चे की मां ने भी जवान किशोर कुमार का आभार जताया।