(International Symposium on ‘International Cooperation for Resilient Landscapes)
देहरादून, (देवभूमि जनसंवाद न्यूज़) भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद (आई सी ऍफ़ आर ई) देहरादून और इंटरनेशनल यूनियन ऑफ फॉरेस्ट रिसर्च ऑर्गेनाइजेशनस (आईयूएफआरओ) द्वारा संयुक्त रूप से ‘लचीला परिदृश्य के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग’ पर आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आज समापन हो गया। इस संगोष्ठी में भारत सहित 17 देशों से आये 225 वानिकी, कृषि, प्रकृति संरक्षण, जल संसाधन प्रबंधन और खनन के क्षेत्रों के विशेषज्ञ और वैज्ञानिक सम्मिलित हुए। इन प्रतिभागियों ने 9 तकनीकी सत्रों में संगोष्टी की विभिन्न थीमो के अंतर्गत विचार-विमर्श किया और क्षरित भूमि और वनक्षेत्रों की बहाली के लिए अंतरक्षेत्रीय नीति और योजना समन्वय बढ़ाने हेतु अपने अनुभव साझा किये। पोस्टर सत्र में प्रतिभागी शोधार्थियों द्वारा 50 शोधपत्र भी प्रस्तुत किए गए। समापन सत्र की अध्यक्षता श्री ए.एस, रावत, महानिदेशक, आईसीएफआरई, देहरादून; डॉ. जॉन पैरोटा, अध्यक्ष आईयूएफआरओ और डॉ. माइकल क्लेन, उप कार्यकारी निदेशक, आईयूएफआरओ ने की। तकनीकी सत्रों से निकलने वाली प्रमुख सिफारिशों को प्रस्तुत किया गया जोकि विभिन्न बिन्दुओं जैसे जैव विविधता/प्रकृति संरक्षण और जलवायु परिवर्तन; आजीविका, समानता और मानव कल्याण को बढ़ाना; कृषि, कृषिवानिकी और खाद्य सुरक्षा; जल संसाधन, मृदा संरक्षण और खनन भूमि बहाली; क्षरित वनों और भूमि की बहाली के लिए नीति और योजना में अंतरक्षेत्रीय समन्वय और हितधारक जुड़ाव; और क्रॉस-सेक्टरल शिक्षा और प्रशिक्षण बिदुओं पर आधारित थीं। सत्र का समापन डॉ. जॉन ऐ.पैरोटा द्वारा प्रस्तावित धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।