पेरिस। विनेश फोगाट, 53 किलोग्राम के वेट में खेलती थीं। बाद में वे पचास किलोग्राम पर आई थीं। ओलंपिक में विनेश ने छह अगस्त की रात को महिला कुश्ती के 50 किलोग्राम के भार वर्ग मुकाबले में क्यूबा की पहलवान को शिकस्त दी थी। इसके बाद विनेश की तरफ से गोल्ड या सिल्वर मेडल जीतने की उम्मीद बंध गई थी।
ओलंपिक के कुश्ती मुकाबले में गोल्ड/सिल्वर मेडल की दहलीज तक पहुंची विनेश फोगाट को वजन बढ़ने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया है। इस बड़ी घटना से देश के लोगों में गुस्सा देखा जा रहा है। विपक्षी नेताओं ने इस मामले में कोई बड़ी साजिश होने की आशंका जताई है। मामले की गंभीरता से जांच कराने की मांग हो रही है। चंडीगढ़ प्रशासन में कुश्ती कोच दर्शन पाराशर कहते हैं, विनेश फोगाट के साथ हुई यह घटना हैरान और दुखी करने वाली है। ओलंपिक में विनेश, गोल्ड तक पहुंच सकती थी। इस मामले में कहीं तो चूक हुई है। इसके लिए केवल पहलवान जिम्मेदार नहीं होता। कोच व तकनीकी टीम भी साथ रहती है। देखने वाली बात यह है कि किसके स्तर पर जिम्मेदारी में कोताही बरती गई है। कोई तो है जो अपनी जिम्मेदारी पूरी करने में फेल रहा है
बता दें कि पहले विनेश फोगाट, 53 किलोग्राम के वेट में खेलती थीं। बाद में वे पचास किलोग्राम पर आई थीं। ओलंपिक में विनेश ने छह अगस्त की रात को महिला कुश्ती के 50 किलोग्राम के भार वर्ग मुकाबले में क्यूबा की पहलवान को शिकस्त दी थी। इसके बाद विनेश की तरफ से गोल्ड या सिल्वर मेडल जीतने की उम्मीद बंध गई थी। कुश्ती के कोच दर्शन पाराशर कहते हैं, ओलंपिक में वजन का बहुत अहम रोल होता है। कई बार खिलाड़ी की लापरवाही की वजह से वजन कम या ज्यादा हो जाता है। हालांकि जो खिलाड़ी, ओलंपिक में गोल्ड/सिल्वर जीतने की दहलीज पर पहुंच गई हो, वहां पर ऐसी लापरवाही/चूक हो, ऐसी संभावना न के बराबर है। खुद पहलवान भी बहुत गंभीर रहता है
बतौर कोच दर्शन, मुकाबले से पहले महिला पहलवान का वजन होता है। दिन के मुकाबले के लिए अमूमन सुबह वजन किया जाता है। यह वजन तकनीकी टीम की देखरेख में होता है। कोच वहां पर मौजूद रहता है। यहां पर देखने वाली बात यह है कि आखिर ये चूक किसके स्तर पर हुई है। पहलवान को मालूम होता है कि उसका वजन कम या ज्यादा हुआ है। ऐसे में वह उसे बैलेंस करने का प्रयास करता है। कई बार ऐसा भी होता है कि तकनीकी टीम या कोच से कुछ बातें छिपा ली जाएं। पहलवान अपने स्तर पर ही वजन को तय सीमा में लाने का प्रयास करता है। ऐसे मामले में कई बार गलती हो जाती है। यहां पर चूक तो हुई है। इसका जिम्मेदार कौन है, यह तो जांच के बाद ही पता चल सकेगा।