श्री आदर्श रामलीला सभा राजपुर द्वारा 72 वें श्री रामलीला महोत्सव में आज लक्ष्मण शक्ति और कुंभकरण वध की लीला दिखाई गई

देहरादून: (देवभूमि जनसंवाद न्यूज़) श्री आदर्श रामलीला सभा राजपुर द्वारा 72 वें श्री रामलीला महोत्सव में आज लक्ष्मण शक्ति और कुंभकरण वध की लीला दिखाई गई। जिसके अंतर्गत राम ने विभीषण से रावण की ओर से युद्ध करने के लिए कौन आ रहा है कि जानकारी प्राप्त की, वहीं विभीषण ने अपने गुप्तचरों से जानकारी प्राप्त कर राम को बताया कि आज युद्ध में रावण का पुत्र मेघनाथ आ रहा है ।मेघनाथ का नाम सुनकर लक्ष्मण ने कहा कि मैं आज मेघनाथ से युद्ध करने के लिए जाऊंगा । इसके लिए प्रभु मुझे आज्ञा दीजिए । राम ने कहा मेघनाथ बड़ा ही बलशाली छल बल में लासानी और मायावी है इसलिए लक्ष्मण तुम हट मत करो कि तो लक्ष्मण ने अपने ब्रह्मचर्य व्रत का वास्ता देते हुए पुनः श्री राम से मेघनाथ से युद्ध करने का अनुरोध किया । जिस पर प्रभु श्री राम की आज्ञा पाकर लक्ष्मण सुग्रीव हनुमान आदि सेना के साथ मेघनाथ से युद्ध करने रणक्क्षेत्र में पहुंचे, जहां मेघनाथ और हनुमान का घनघोर युद्ध हुआ और मेघनाथ को ऐसा प्रतीत हुआ कि हनुमान जी के रहते हुए वह लक्ष्मण पर आघात नहीं कर सकते, इसलिए पुनः मायावी चाल चलकर मेघनाथ ने हनुमान‌ को सेना के साथ युद्ध करने के लिए दूर कर दिया और उचित अवसर देखकर लक्ष्मण पर शक्ति बाण का प्रहार किया जिससे लक्ष्मण मूर्छित हो गए, और रामादल में हा हा कार मच गया। हनुमान जी के वापस लौटने पर रामादल में हाहाकार मच गया और मूर्छित लक्ष्मण को लेकर हनुमान जी और सुग्रीव प्रभु राम के पास पहुंचे जहां लक्ष्मण की मूर्छा देखकर राम भी विलाप करने लगे और कहने लगे कि माता कौशल्या ने कहा था कि वनवास में सीता और लक्ष्मण का ध्यान रखना किंतु मैं इन दोनों का ही ध्यान नहीं रख सका। राम ने विभीषण से कहा विभीषण जी कृपया कोई उपाय बताइए जिससे कि मेरी लक्ष्मण के प्राण वापस लाये जा सके । विभीषण ने राम को बताया कि लंका में एक विशेषज्ञ वैद्य सुषेण जी रहते हैं यदि उनको लाकर लक्ष्मण जी का उपचार करवाया जाए तो लक्ष्मण जी के जीवन धारा लौट सकती है।रामचंद्र जी ने तत्काल हनुमान जी से अनुरोध किया कि हनुमान जी आप इस कार्य को तुरंत कीजिए हनुमान जी पवनवेग से लंका गए और वहां से तलाश कर सुषेण वैद्य को अपने साथ ले आए। सुषेण वैद्य ने आकर लक्ष्मण जी की नाडी देखी और कहा कि जहां द्रोणागिरी पर्वत पर संजीवनी बूटी यदि लाया जाए तो लक्ष्मण जी के प्राण बचाए जा सकते हैं ।यह बूटी जुगनू की भांति चमकती है ,और सूर्योदय से पूर्व ही बूटी लाकर लक्ष्मण जी के प्राण की रक्षा की जा सकती है ।राम जी से आज्ञा प्राप्त कर हनुमान जी द्रोणागिरीपर्वत की ओर गए और बूटी को तलाशने लगे जुगनू की भांति चमकने वाली संजीवनी बूटी लेकर हनुमान जी वापस आ रहे थे तभी नंदीग्राम में प्रहरी के रुप में सेवा कर रहे भरत जी द्वारा यह सोच कर कि कोई द्रोणगिरीपर्वत लेकर जाने वाला मेरे भाई श्री राम का शत्रु हो सकता है, बाण चला दिया जिस से आहत होकर हनुमान जी रुक गए और उनके मुंह से जय श्री राम निकला । राम का नाम सुनकर भरत दुखी हुए उन्होंने हनुमान जी से परिचय और वृतांत जानकर क्षमा मांगी और कहा कि मैं एक और बाण छोड़ता हूं जिसपर बैठकर आप तुरंत ही प्रभु राम के पास पहुंचकर लक्ष्मण जी के प्राण बचा सकते हैं उसी प्रकार भरत जी ने बाण छोड़ा जिससे हनुमान जी प्रभु राम के पास त्वरित गति से पहुंचे और संजीवनी बूटी लक्ष्मण को सुंघाकर लक्ष्मण की मूर्छा दूर की। इसके पश्चात लक्ष्मण की मूर्च्छा टूटने का समाचार ज्ञात कर रावण ने अपने भाई कुंभकरण को जगाया और युद्ध के लिए तैयार किया। ज्ञानी कुंभकरण ने रावण को कहा कि आप ने सीता का हरण करके उचित नहीं किया किंतु रावण के अहंकार ने कुंभकरण को भी युद्ध के लिए मजबूर कर दिया। इस प्रकार कुंभकरण अपने पराक्रम के साथ सेना के साथ रणक्षेत्र में राम से युद्ध करने गया । राम और कुंभकरण का घनघोर युद्ध हुआ। युद्ध के पश्चात राम द्वारा कुंभकरण का वध कर दिया गया आज की लीला में यही दिखाया गया है। राम बने उपदेश ने बहुत ही प्रभावी अभिनय कर अपने अभिनय की छाप छोड़ी, वहीं कुंभकरण बने रघुवीर ने राक्षस प्रवृत्ति के अभिनय की छाप छोड़ी। आज की लीला में अतिथि के रुप में श्री अशोक वर्मा पूर्व अध्यक्ष अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग पूर्व राज्य मंत्री उपस्थित रहे । जिन्होंने राजपुर की रामलीला का प्रभावी मंचन देखकर प्रश्नता व्यक्ति कर शुभकामनाएं देते हुए कहा इस प्रकार की परंपराओं को निरंतर जारी रखना चाहिए। श्री आदर्श रामलीला सभा की ओर से संरक्षक जय भगवान साहू, प्रधान योगेश अग्रवाल, कोषाध्यक्ष नरेंद्र अग्रवाल, मंत्री अजय गोयल, प्रचार मंत्री अरविंद जैन द्वारा अतिथि श्री अशोक वर्मा का स्वागत किया गया ।इस प्रकार आज की लीला संपन्न हुई। कल मंगलवार को इसी रंगमंच पर रात्रि में श्रीराम लक्ष्मण और हनुमान की ईश वंदना के बाद मेघनाथ तपस्या, सुलोचना और मेघनाथ का प्रणय निवेदन उसके पश्चात लक्ष्मण और मेघनाथ के घनघोर युद्ध के बाद मेघनाथ का वध, रावण के पुतले रावण की मायावी लीला और रावण का वध मकरध्वज हनुमान का परिचय और उसके बाद मंदोदरी रावण का प्रणय निवेदन और रावण वध लीला के बाद माता सीता की लंका से प्रभु राम के समक्ष वापसी के साथ ही सीता अग्नि परीक्षा लीला दिखाई जाएगी। श्री श्री आदर्श रामलीला सभा राजपुर द्वारा स्थानीय नागरिकों और सामाजिक महानुभावों से अनुरोध किया है कि ठीक समय पर रात्रि 9:00 बजे लीला दर्शन हेतु पधारने की करने की कृपा करें । प्रधान योगेश अग्रवाल ने बताया कि कल की लीला में अतिथि के रुप में श्री गणेश जोशी माननीय कैबिनेट मंत्री, उत्तराखंड सरकार उपस्थित रहेंगे। धन्यवाद । भवदीय योगेश अग्रवाल, प्रधान श्री आदर्श रामलीला सभा राजपुर देहरादून उत्तराखंड

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