देहरादून: (देवभूमि जनसंवाद न्यूज) श्री आदर्श रामलीला सभा राजपुर द्वारा 72 वें श्री रामलीला महोत्सव के द्वितीय आज रंगमंच पर दिखाई जाने वाली लीला में विश्वामित्र आदि ऋषि-मुनियों को रावण के राक्षस सताने लगे उनका यज्ञ भंग करने लगे । ऐसी स्थिति में यज्ञ की रक्षा के लिए विश्वामित्र राजा दशरथ के पास राम और लक्ष्मण को साथ लेने के लिए आए। राजा दशरथ राम और लक्ष्मण सिंह को मोह बस विश्वामित्र के साथ राम और लक्ष्मण को भेजने से इनकार करने की कोशिश के गुरु वशिष्ठ के परामर्श पर राजा दशरथ ने दोनों पुत्रों को महर्षि विश्वामित्र के साथ भेजा । जहां राम और लक्ष्मण ने सुबाहु राक्षस का वध किया तथा मारीच अपनी जान बचाकर भाग गया। उसके पश्चात गौतम की ऋषि की शिला बनी पत्नी अहिल्या का उद्धार हेतु प्रभु श्री राम ने चरण स्पर्श कर नारी में परिवर्तित कर दिया। इसके पश्चात जनकपुर से राजा जनक का आमंत्रण जिसमें सीता स्वयंवर हेतु विश्वामित्र को राम लक्ष्मण सीता स्वयंवर का पत्र प्राप्त हुआ जिसके आधार पर गुरु शब्द के साथ राम और लक्ष्मण भी जनकपुर चले गए और राम वाटिका अब नगर भ्रमण की आज्ञा गुरु विश्वामित्र से ली जब जनकपुर में भ्रमण कर रहे थे राम और लक्ष्मण नगर वासी सबके मन में यह भाव था वह किशोर शिक्षा सदन श्याम गोदाम जिन्हें आंखें खुली रह जाती हैं और यही दोनों के लिए सौभाग्य और दोनों ने एक दूसरे को अपना जीवनसाथी बनाने का मन ही मन संकल्प लिया। कल इसी रंगमंच पर सीता स्वयंवर और श्री राम सीता का विवाह लीला दिखाई जाएगी आज के आयोजन में संरक्षक साहू प्रधान योगेश अग्रवाल मंत्री अजय गोयल के साथ श्री संजय धीमान श्री अमर अग्रवाल श्री वैभव आदि की उपस्थिति में लीला सम्पन्न हुई। उपरोक्त जानकारी योगेश अग्रवाल प्रधान श्री आदर्श राजपूत द्वारा ताड़का और विश्वामित्र के अभिनय को भरपूर सराहा गया।