जोहानिसबर्ग: ब्रिक्स सम्मेलन में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की है. पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच चार महीने में ये चौथी मुलाकात थी.शी जिनपिंग से मुलाकात में दोनों नेताओं ने भारत-चीन के संबंधों को गति देने पर जोर दिया. पीएम मोदी ने कहा कि इस मीटिंग के जरिए विकास साझेदारी को मजबूत करने का एक और मौका मिला है. पीएम मोदी की चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग से मुलाकात इसलिए भी बेहद अहम है, क्योंकि कल ही पाकिस्तान में आम चुनाव जीतने के बाद इमरान खान ने चीन को अपना सबसे बड़ा सहयोगी बताया था. इमरान ने ये भी कहा था कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान चीन के साथ रिश्ते और मजबूत करने की कोशिश करेगा. पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात में भारत की ओर से निर्यात का मुद्दा भी उठाया गया. भारत चीन से काफी मात्रा में सामानों का आयात करता है लेकिन निर्यात की मात्रा कम है. मोदी सरकार इस अंतर को कम करना चाहती है. आने वाले 1-2 अगस्त को भारत का एक डेलिगेशन इस मसले पर बात करने चीन जाएगा. ये मुद्दा इसलिए भी अहम है क्योंकि संसदीय समिति ने हाल में अपनी रिपोर्ट में आगाह करते हुए कहा है कि चीनी सामानों के आयात से देश के उद्योग संकट में पड़ गए हैं. इस दौरान पीएम मोदी ने नए संबंधों की रफ्तार बनाए रखने पर जोर दिया. पीएम मोदी ने कहा कि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति के लिये ब्रिक्स देशों के साथ काम करना चाहता है. उन्होंने इस क्षेत्र में बेहतर तरीकों और नीतियों को आपस में साझा किए जाने का भी आह्वान किया. ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिये यहां पहुंचे मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवप्रवर्तन से सेवाओं की आपूर्ति बेहतर हो सकती है और उत्पादकता का स्तर बढ़ सकता है. पीएम मोदी ने कहा, ‘‘ भारत चौथी औद्योगिक क्रांति के क्षेत्र में ब्रिक्स देशों के साथ मिलकर काम करना चाहता है और सभी देशों को इस संदर्भ में इस क्षेत्र में बेहतर तौरतरीकों और नीतियों को साझा करने का आह्वान किया. पीएम मोदी ने कहा, ‘‘कानून के अनुपालन के साथ प्रौद्योगिकी के जरिये सामाजिक सुरक्षा और सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को सीधे भुगतान इसका एक उदाहरण है.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति का पूंजी के मुकाबले अधिक महत्व होगा. उन्होंने कहा कि आनेवाले समय में रोजगार के लिए अधिक कौशल की जरूरत होगी, साथ ही रोजगार का स्वरूप अस्थायी होगा. इसी तरह औद्योगिक उत्पादन, डिजाइन और विनिर्माण प्रक्रिया में आमूल-चूल बदलाव होगा, पीएम मोदी और ब्रिक्स में शामिल अन्य देशों के शासनाध्यक्षों ने दक्षिण अफ्रीका के मारोपेंग में मशहूर ‘ क्रेडल ऑफ ह्यूमनकाइंड ’ (मानव जाति का पालना) की सैर के दौरान चिकनी मिट्टी पर अपने हाथ के छाप छोड़े. मारोपेंग विजिटर सेंटर विटवॉटर्सबर्ग और मगालिसबर्ग पर्वत श्रृंखलाओं में स्थित पुरस्कार विजेता स्थल है और जोहानिसबर्ग और प्रिटोरिया से सिर्फ एक घंटे की दूरी पर है. यह ‘ क्रेडल ऑफ ह्यूमनकाइंड ’ का आधिकारिक पर्यटन केंद्र है. यह दक्षिण अफ्रीका के आठ विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है और दुनिया का प्रमुख पर्यटन स्थल है. दक्षिण अफ्रीका 25 से 27 जुलाई तक ब्रिक्स के सालाना शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है.
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