D.NEWS देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सार्वजनिक मंचों से घोषणा कर रहे हैं कि 31 जुलाई से प्रदेश को पॉलीथिन मुक्त कर दिया जाएगा, लेकिन धरातल पर ऐसी कोई कसरत नजर नहीं आ रही है। जबकि, घोषणा के अनुरूप इस तिथि को महज दो दिन शेष हैं। ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा है कि प्रदेश में पॉलीथिन पर प्रबंध की बात महज घोषणा तक सीमित रह जाएगी।
बीते पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश को पॉलीथिन मुक्त बनाने की घोषणा की थी। उस वक्त इस घोषणा पर यकीन भी हो रहा था, क्योंकि उन्होंने कहा था कि 31 जुलाई से एक सप्ताह पहले पॉलीथिक पर प्रतिबंध को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा ताकि लोग पॉलीथिन का प्रयोग न करने को लेकर मानसिक रूप से खुद को तैयार कर लें। उन्होंने मुहिम को प्रभावी रूप से चलाने के लिए टास्क फोर्स के गठन की भी बात कही थी। इस टास्क फोर्स में वन विभाग के अधिकारियों समेत पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम कर रहे गैर सरकारी संगठनों को भी शामिल करने की बात थी। लेकिन, टास्क फोर्स तो दूर, अब तक जागरूकता अभियान का भी पता नहीं है। इस पर जब रविवार को मुख्यमंत्री ने दोबारा यह घोषणा दोहराई तो पत्रकारों ने सवाल किया कि इतने कम समय में यह सब कैसे हो पाएगा। मुख्यमंत्री ने इसका स्पष्ट जवाब न देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के तहत यह कदम उठाया जा रहा है। खैर, जब इस घोषणा की पड़ताल देहरादून के कुछ जिम्मेदार अधिकारियों से की गई तो उन्होंने भी टका सा जवाब दिया।