सीएम त्रिवेंद्र रावत ने पर्यावरणीय सेवाओं के बदले केंद्र से सालाना पांच हजार करोड़ का ग्रीन बोनस मांगा

D.NEWS DEHRADUN सीएम त्रिवेंद्र रावत ने पर्यावरणीय सेवाओं के बदले केंद्र से सालाना पांच हजार करोड़ का ग्रीन बोनस मांगा है। पीएम से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित गांवों के पुनर्वास, आपदा राहत राशि बढ़ाने, जल विद्युत परियोजनाओं को स्वीकृति और 2021 में होने जा रहे हरिद्वार महाकुम्भ के लिए विशेष केंद्रीय सहायता देने का भी अनुरोध किया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने गुरुवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राज्य के विकास से जुड़े कई प्रमुख मुद्दों पर प्रधानमंत्री से चर्चा की। सीएम ने कहा कि भारतीय वन प्रबंधन संस्थान भोपाल के अध्ययन के अनुसार राज्य प्रति वर्ष 95,112 करोड़ रुपए की पर्यावरणीय सेवाएं प्रदान कर रहा है। जबकि पर्यावरणीय कारणों से विकास योजनाएं शुरू नहीं हो पा रही हैं। राज्य को कुल ऊर्जा जरूरत का 65 प्रतिशत खरीदना पड़ रहा है। सीएम ने राज्य की पर्यावरणीय सेवाओं को नेशनल एकाउंटिंग सिस्टम में शामिल करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के तहत ग्रीन डेफिसिट राज्यों से पैसा लेकर नेशनल एक्सचेंज बनाया जाए और इसके जरिए फॉरेस्ट कवर के अनुसार संबंधित राज्यों को पैदा दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने पूर्वोत्तर की तर्ज पर राज्य को विशेष पैकेज देने, कोटद्वार के चरक डांडा में आयुष अनुसंधान एवं शोध संस्थान की स्थापना और 2021 हरिद्वार महाकुंभ के लिए विशेष पैकेज स्वीकृत करने का भी अनुरोध किया। मुलाकात के दौरान सीएम ने पीएम को मांग पत्र सौंपा जिसमें छोटे जलाशय बनाने के लिए केंद्र पोषित योजनाएं बनाने, जमरानी बांध परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने, सौंग बांध परियोजना के लिए बजट, चौखुटिया में हवाई पट्टी निर्माण में केंद्र से वित्तीय सहयोग, समूचे राज्य को मुरादाबाद रेलवे मंडल के तहत लोने, टनकपुर-बागेश्वर-कर्णप्रयाग रेलवे लाईन को स्वीकृति देने और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क बनाने का अनुरोध किया गया है।

350 गांवों के विस्थापन को मांगा बजट 
मुख्यमंत्री ने राज्य के 350 आपदा प्रभावित गांवों के पुनर्वास के लिए केंद्र से बजट देने का अनुरोध किया। इसके साथ ही आपदा की वजह से होने वाली मौत और दुर्घटना की सहायता राशि बढ़ाने को भी कहा गया है। सीएम ने गौरीकुण्ड-केदारनाथ रोपवे को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना घोषित करने व नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वाटर स्पोर्ट्स का प्रशिक्षण केंद्र टिहरी में खोलने का भी अनुरोध किया। इसके साथ ही एनएच 123 (हरबर्टपुर से बड़कोट)  व एनएच 119 (कोटद्वार से श्रीनगर) को ऑल वेदर रोड़ परियोजना से जोड़ा जाए और गंगा नदी पर कनखल के समीप ढ़ाई किमी लम्बा पुल बनाने का भी अनुरोध किया।

रुकी जल विद्युत परियोजनाओं को स्वीकृति मिले 
मुख्यमंत्री ने 300 मेगावाट की लखवाड़ परियोजना की स्वीकृति आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति से जल्द करवाने,  660 मेगावाट की किशाऊ परियोजना, 300 मेगावाट की बावला नन्दप्रयाग जल विद्युत परियोजना व 100 मेगावाट की नंदप्रयाग लंगासू परियोजना को जल्द स्वीकृत दी जाए।

 

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