देहरादून: (देवभूमि जनसांवद न्यूज़) राजकीय इंटर कॉलेज छरबा में सात दिवसीय राष्ट्रीय सेवा योजना विशेष शिविर कार्यक्रम में स्वच्छता व नशा मुक्ति रैली के साथ गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित व उत्तराखंड में वृक्षमित्र के नाम से मशहूर पर्यावरणविद् डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी थे।
पर्यावरणविद् वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी ने एनएसएस स्वयंसेवियों को संबोधित करते हुए कहा मन के सुविचार व अच्छी सोच स्वच्छ समाज निर्माण में एहम भूमिका रखती हैं इसलिए हमें अपने मन मस्तिष्क में अच्छी सोच रखनी चाहिए। कहा जीवन अनमोल हैं और प्रकृति की देन हैं यह धरती मानव से कुछ नही मांगती हैं सिर्फ उम्मीद करती हैं कि जो प्राकृतिक संसाधन व वनस्पति इस धरा के लिए दिए हैं उनका संरक्षण हो सके ताकि उनका उपभोग आनेवाली पीढ़ी भी कर सके। कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र सिंह बुटोइया ने कहा नशा समाज में एक जहर हैं वक्त रहते इसे नही रोग गया तो आनेवाली पीढ़ी का भविष्य प्रभावित होगा। नशा मुक्ति समाज बनाने के लिए विशाल जन जागरूकता रैली निकाल कर नशा मुक्ति सपथ पत्र भरकर नशीले पदार्थ से दूर रहने की अपील की गई। हमारे विशेष शिविर में पर्यावरणविद् वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी आये और उन्होंने एनएसएस स्वयंसेवियों को सफल जीवन बनाने के टिप्स दिये तथा देववृक्ष रुद्राक्ष का पौधा उपहार में भेंट भी किया। शिविर में विनोद कुमार पाठक, खजान सिंह, रघुनाथ आर्य अब्दुल कादिर, सत्यम, लक्ष्य, अयान अंसारी, सलोनी सकलानी, नंदनी, सिमरन, अजिया, खुसुबो, सोनम, अर्चना सकलानी, श्रेष्ठिता सोनी व श्रेष्ठ सोनी आदि मौजूद थे।
उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के क्षेत्रीय निदेशक द्वारा एक राष्ट्रीय सेमिनार राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के समन्वय से आयोजित किया गया जिसमें साईं 3:00 से 5:00 बजे तक 2 घंटे एनएसएस स्वयंसेवकों एवं कार्यक्रम अधिकारी द्वारा प्रतिभाग किया गया जिसमें विद्यालय की छात्रा सलोनी सकलानी ने ऑनलाइन वेबीनार में प्रश्न पूछ कर जानना चाहा कि एन एस एस स्वयंसेवक किस प्रकार से भिखारियों घुमंतू या अन्य लोग जो अपने बच्चों को नहीं पढ़ाते हैं उनके लिए किस प्रकार से कार्य कर सकते हैं जिस पर मानवाधिकार आयोग की ओर से जानकारी दी गई कि आप इसकी सूचना बनाकर अपने विभाग सहित जिलाधिकारी को प्रेषित कर सकते हैं इस वेबीनार का उद्देश्य देश में हो रहे अन्याय से पीड़ित लोगों की संख्या को कम करना है इसलिए सभी दूसरों के लिए कार्य करने का प्रयास उनकी पीड़ा को कम करने का प्रयास करते रहें