अमित शाह बोले-मुस्लिमों को टिकट नहीं देना मजबूरी है? ‘राजनीतिक शिष्टाचार है’

देहरादून: (देवभूमि जनसंवाद न्यूज़) दिल्ली,बीजेपी और सरकार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद नंबर दो की हैसियत के तौर पर देखे जाने वाले भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि बीजेपी का मुसलमानों से वही रिश्ता है। जो एक भारत के नागरिक से होना चाहिए।

लेकिन बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में किसी भी मुसलमान को टिकट क्यों नहीं दिया? अमित शाह ने कहा कि चुनाव में कौन वोट देता है, यह भी तो देखना पड़ता है। अमित शाह ने कहा, ”चुनाव जीतना निश्चित तौर से ज़रूरी है, लेकिन जीत के बाद भेदभाव का आरोप हो, तब पूछना चाहिए. सरकार संविधान के आधार पर चलती है और सरकार को जनता चुनती है। राजनीतिक प्रकृति तो इसी से जुड़ी है.”
कर्नाटक में हिजाब विवाद पर अमित शाह ने कहा, ”मेरा व्यक्तिगत मानना है कि स्कूल में सभी धर्म के स्टूडेंट्स को ड्रेस कोड को अपनाना चाहिए. मामला अभी अदालत में है और सुनवाई चल रही है। अदालत को जो फ़ैसला आएगा, उसे मानना चाहिए. मेरी व्यक्तिगत राय तभी तक होती है, जब तक अदालत फ़ैसला नहीं देती है. जब अदालत फ़ैसला देगी तो सभी को स्वीकार करना होगा.” बहुजन समाज पार्टी अपनी प्रासंगिकता खो चुकी है? इस सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा, ”बीएसपी की प्रासंगिकता ख़त्म नहीं हुई है। बीएसपी को वोट मिलेगा. सीटें कितनी मिलेंगी ये नहीं कह सकता। उनका जो जाटव वोट बैंक है, उनके साथ ही रहेगा. मुसलमान भी बड़ी संख्या में बीएसपी को वोट करेंगे।”
अमित शाह ने कहा कि ब्राह्मण वोट की बात करना मुद्दों से भटकाना है। गृह मंत्री ने ओवैसी के बारे में कहा कि उनको लेकर युवाओं में आकर्षण है। अमित शाह ने कहा कि ओवैसी पर यूपी में हमला क़ानून व्यवस्था की उपेक्षा नहीं है और अगर ऐसा होता को संदिग्धों को गिरफ़्तार नहीं किया जाताहै।

योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के चुनाव को 80 फ़ीसदी बनाम 20 फ़ीसदी का कहा था. क्या उनके कहने का मतलब हिन्दू बनाम मुसलमान था? इस सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा, ”मुझे नहीं लगता है कि ऐसा है. कोई वोट प्रतिशत के हिसाब से उन्होंने कहा होगा. चुनाव में ध्रुवीकरण है लेकिन यह ग़रीबों का ध्रुवीकरण है।

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