D.NEWS भगवान शिव के महापर्व कांवड़ यात्रा के पहले दिन कांधे पर कांवड़ रख चल पड़ा शिव भक्तों का अटूट विश्वास और श्रद्धा देखने को एक ओर जहां शिव भक्त पैदल दूरी नाप कर आगे बढ़ रहे थे वहीं प्रशासन की ओर से भी शिव भक्तों की सुविधाओं के लिए दिनभर तैयारी की जाती रही। शिव भक्तों की मानें तो फिलहाल कांवड़ पटरी मार्ग पर जितनी सुविधाएं हैं, वह पर्याप्त हैं लेकिन जैसे जैसे कांवड़ियों का सैलाब उमड़ेगा तब व्यवस्था कितनी टिक पाएगी। इसके बारे में कुछ कह पाना अभी जल्दबाजी होगा। शनिवार को कांवड़ यात्रा के पहले दिन कांवड़ पटरी मार्ग पर आसफनगर से धनौरी तक सुविधाओं का जायजा लिया तो काफी हद इंतजामात दुरुस्त मिले। जल संस्थान की ओर से करीब तीन सिंथेटिक पेयजल टैंक लगाए गए हैं और एक पानी का एक टैंकर रखवाया गया है।इसके अलावा समर्पण नामक संस्था की ओर से चार जगहों पर पेयजल टैंक स्थापित किया गया है, लेकिन अभी टैंक से पानी सुचारु नहीं हो पाया है। कांवड़ पटरी मार्ग पर कई जगहों पर गड्ढ़े भी मिले तो सिंचाई विभाग के कर्मचारी गड्ढों को रेत बजरी से भरते नजर आए। साथ ही कुछ कर्मचारी सड़क पर बिखरी बजरी को झाड़ू से साफ करते दिखे। वहीं पथ प्रकाश व्यवस्था के लिए धनौरी पुल से लेकर रुड़की सात जनरेटर लगाए गए हैं।शनिवार को कर्मचारियों ने इनमें तेल भरकर टेस्टिंग की। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर रुड़की से लेकर धनौरी के बीच चौराहों पर पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। कांवड़ पटरी मार्ग पर शिव भक्तों की भूख प्यास और थकान मिटाने के लिए स्वयं सेवी संस्थाएं आगे बढ़कर काम कर रही हैं। आसफनगर से लेकर कलियर तक 12 से अधिक शिविर टैंटों में लगाए जा चुके हैं।इनमें शिव भक्त थकान मिटाने के लिए आराम कर रहे हैं। हालांकि फिलहाल शिविरों में भोजन पानी की व्यवस्था शुरू नहीं हुई है। शिव भक्त प्राइवेट लोगों की ओर से बनाई गई अस्थायी खाने पीने की दुकानों पर ही सेवाएं ले रहे हैं। राजस्थान हरियाणा समेत दूर प्रदेशों से पहुंच रहे शिव भक्तों के कारवां कांवड़ पटरी मार्ग को भक्ति के रस में सराबोर कर रहे हैं। हर तरफ भगवान भोलेनाथ के जयनाद के साथ बढ़ते कदम माहौल को भक्तिमय बना रहे हैं।