
देहरादून: (देवभूमि जनसंवाद न्यूज़) जिले के अस्पतालों में अब ऑक्सीजन की कमी नहीं रहेगी। ऑक्सीजन के लिए रुद्रपुर या हरिद्वार पर निर्भर नहीं रहना होगा। जिले के 13 अस्पतालों में ऑक्सीजन के जंबो पीएसए प्लांट लग रहे हैं। प्लांटों के लगने से यहीं पर ऑक्सीजन जनरेट होगी और सीधे वार्डों में मरीजों के बेड पर सप्लाई होगी।
सात अस्पतालों में 500 से 1000 एलपीएम (लीटर प्रति मिनट) क्षमता के प्लांट लग चुके हैं। ये प्लांट पीएम केयर फंड एवं विभिन्न कंपनियों द्वारा सीएसआर फंड के तहत लगाए जा रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी एम्स ऋषिकेश में सात अक्टूबर को प्लांट का शुभारंभ करेंगे। वह जिले के अन्य कई प्लांटों का वर्चुअली शुभारंभ करेंगे। डीएम डा. आर राजेश कुमार के निर्देशन में सीएमओ डा. मनोज उप्रेती एवं ऑक्सीजन प्रबंधन के नोडल अधिकारी डा. राजीव दीक्षित सभी अस्पतालों एवं कार्यदायी संस्थाओं से समन्वय बनाकर प्लांटों को शुरू कराने में लगे हैं। नोडल अधिकारी डा. राजीव दीक्षित ने बताया कि जिले में 13 अस्पतालों में अलग-अलग क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट, दो में टैंक लगने हैं। सात अस्पतालों में प्लांट तैयार है, तीन जगहों पर शुरू हो गये हैं। बाकी सात अक्टूबर के बाद शुरू हो जाएंगे। जिले के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी नहीं रहेगी।
एक प्लांट से एक साथ 100 मरीजों को ऑक्सीजन
दून अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट के नोडल अधिकारी डा. एनएस खत्री कहते हैं कि उनके यहां पर पीएम केयर फंड से 1000 एलपीएम के दो प्लांट का ट्रायल चल रहा है। जो सात अक्टूबर से शुरू होंगे। पीएम मोदी वर्चुअली इसका शुभारंभ करेंगे। मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजानदास यहां अतिथि होंगे। बताया कि एक प्लांट से 100 सामान्य मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जा सकती है। इसके अलावा आईसीयू में 40 मरीजों को एक साथ ऑक्सीजन दी जा सकती है। आयुष्मान वार्ड में प्लांटों का ट्रायल किया जा रहा है।
संस्थाएं भी आ रही आगे
कोरोनेशन में एक टैंक बनना है। उसे कतर फाउंडेशन ने दान दिया है। वहीं मसूरी अस्पताल में 500 एलपीएम का प्लांट ओल्ड ब्वॉयज एसो. दून स्कूल की ओर से डोनेट किया गया है। कई ने सीएसआर फंड के तहत प्लांट लगवाए हैं।
यहां प्लांट तैयार
एम्स ऋषिकेश, एचआईएसटी जौलीग्रांट, दून अस्पताल, मसूरी अस्पताल, विवेकानंद अस्पताल धर्मावाला, विकासनगर अस्पताल, कोरोनेशन जिला अस्पताल
यहां चल रहा काम
ऋषिकेश एसपीएस, डोईवाला, साहिया, सहसपुर, चकराता, त्यूनी, कालसी और प्रेमनगर
(कालसी और प्रेमनगर में 600 मीट्रिक टन के ऑक्सीजन टैंक बन रहे है।