धारचूला तहसील के 13 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सीपू गांव में प्राचीन गुफा है। ग्रामीणों की सूचना पर आईटीबीपी के जवानों ने इस गुफा का निरीक्षण किया तो कई रहस्य उजागर हुए। गुफा की चौड़ाई करीब 16 फीट है। इसकी लंबाई चार से पांच किमी होने का अनुमान है। विगत दिनों भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के डीआईजी एपीएस निंबाडिया ने सीपू गांव का दौरा किया था। इस मौके पर ग्रामीणों ने गांव में एक प्राकृतिक गुफा होने की जानकारी दी थीडीआईजी ने जवानों को महादेव गुफा के नाम से जानी जाने वाली इस गुफा के निरीक्षण के निर्देश दिए थे। जब जवान मौके पर पहुंचे तो आश्चर्यचकित रह गए। जवानों के अनुसार, यह गुफा बेहद चौड़ी है। इसमें एक साथ चार वाहन प्रवेश कर सकते हैं। जवान लगभग दो किमी तक गुफा के भीतर गए। जवानों ने इस गुफा की लंबाई लगभग चार से पांच किमी होने का अनुमान लगाया है।गुफा के भीतर हैं बर्फ के कई शिवलिंग
जवानों के अनुसार, गुफा में कई शिवलिंग बने हैं। गुफा के बाहर भी आकर्षक चट्टानें हैं। गुफा के भीतर ऊपर से पानी टपकता रहता है। ग्रामीणों ने इस गुफा को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करने की मांग की है।
गुफा में पूजे जाते थे महादेव
सीपू के ग्रामीणों की मान्यता है कि इस गुफा में भगवान शिव ने लंबे समय तक तपस्या की थी। जब शिव यहां आए तो इस गुफा के पास एक पत्थर पर बैठे, आज भी उनके पैरों के निशान मौजूद हैं। शिव के यहां आने की मान्यता होने के कारण इस गुफा को महादेव गुफा के नाम से जाना जाता है।ग्रामीणों के अनुसार, पहले सभी लोग इसी गुफा में पूजा-अर्चना करते थे। अधिक चढ़ाई और पानी की व्यवस्था न होने से बाद में महादेव की मूर्ति गांव में स्थापित कर दी गई। बड़ी पूजा होने पर गांव के मंदिर में बनने वाला प्रसाद इस गुफा में भी पहुंचाया जाता है।