7 मौत के बाद जागी सरकार, ऑलवेदर रोड परियोजना में सेफ्टी ऑडिट के जारी किए निर्देश

Image result for c.m of uttarakhand
D.NEWS DEHRADUN : चारधाम ऑलवेदर रोड परियोजना में रोड कटिंग के दौरान सात मजदूरों के मारे जाने से प्रदेश सरकार हरकत में आई है। लोक निर्माण विभाग को परियोजना के तहत उन स्थानों का तत्काल सेफ्टी ऑडिट कराने के निर्देश दिया गया है, जहां सुरक्षा के लिहाज से ज्यादा खतरा बना हुआ है।

निरीक्षण के दौरान चिन्हित होने वाले ऐसे स्थानों पर रोड कटिंग और चौड़ीकरण के कार्य के दौरान सुरक्षा के पूरे इंतजाम कराने को कहा गया है। निरीक्षण के इस कार्य में एक भू-वैज्ञानिक व एक अधीक्षण अभियंता स्तर के सिविल अभियंता को तैनात करने के निर्देश जारी हुए हैं।

इस संबंध में शुक्रवार को अपर मुख्य सचिव (लोनिवि) ओम प्रकाश ने विभाग के प्रमुख अभियंता को पत्र जारी किया। पत्र में कहा गया है कि रोड कटिंग के दौरान मलबा गिरने से दुर्घटनाएं हो रही हैं। इस गंभीर और चिंताजनक स्थिति से निपटने के लिए सेफ्टी ऑडिट की प्रक्रिया का प्रावधान है।
पत्र में एक भू-वैज्ञानिक एवं कम के कम एक अधीक्षण अभियंता स्तर के एक सिविल अभियंता से तत्काल निरीक्षण कार्रवाई के निर्देश दिए। पत्र में कहा गया है कि  ऑलवेदर रोड परियोजना का निर्माणकेंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा कराया जा रहा है।
सड़क मार्ग का करीब 90 प्रतिशत पर्वतीय क्षेत्र है। अधिकांश स्थानों पर हिलसाइड कटिंग का कार्य चल रहा है। परियोजना मार्ग हिमालयी पर्वत श्रृंखला की निचली पहाड़ियों में स्थित है, जो वर्तमान में नाजुक स्थिति में है। पहाड़ की ओर कटिंग करने से मलबा गिरने की स्थिति में दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है।

अभी तक नहीं थे रोड सेफ्टी जांचने के प्रावधान

सामरिक महत्व की इस महत्वाकांक्षी परियोजना में रोड सेफ्टी ऑडिट का प्रावधान न होने को लेकर सवाल उठ रहे हैं। अपर मुख्य सचिव लोनिवि द्वारा रोड सेफ्टी ऑडिट को लेकर जो शुक्रवार को जो दिशा-निर्देश जारी हुए हैं, उसकी एक प्रमुख वजह लोक निर्माण विभाग का परियोजना के एक बड़े हिस्से की कार्यदायी एजेंसी होना है।
लेकिन सवाल इस बात को लेकर उठ रहा है कि दुर्घटनाओं के लिहाज से संवेदनशील मानी जा रही इस परियोजना में सुरक्षा ऑडिट का प्रावधान क्यों नहीं किया गया? करीब 11700 करोड़ रुपये लागत की कुल 889 किमी लंबी इस महत्वाकांक्षी परियोजना में से 434.39 किमी राजमार्ग की कार्यदायी एजेंसी लोक निर्माण विभाग है। लोनिवि को 26 सिविल कार्य करने हैं, जिनमें से उसे 21 कार्यों की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है।

ठेकेदार कंपनी को तत्काल मुआवजा देने के निर्देश
शासन की ओर से ठेकेदार कंपनी को हादसे में मारे गए मजदूरों के परिजनों को शुक्रवार को ही मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। मुख्य अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग हरिओम शर्मा के मुताबिक, शासन के निर्देश के बाद ठेकेदार कंपनी आरजी बिल्ड वैल को आदेश जारी कर दिए गए हैं और कंपनी ने मुआवजा देने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। उन्होंने कहा कि शासन से उन्हें सेफ्टी ऑडिट को लेकर भी आदेश प्राप्त हुए हैं। जल्द ही सेफ्टी ऑडिट के लिए एक भू-वैज्ञानिक एवं अधीक्षण अभियंता को तैनात किया जाएगा।

रुद्रप्रयाग जिले में भूस्खलन से हुए हादसा दुखद है। हादसे में मृतक श्रमिकों की आत्मा की शांति व शोक संतप्त परिवारजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना करता हूं। घटनास्थल पर हेलीकाप्टर भेजकर गंभीर रूप से घायल दो श्रमिकों को उपचार के लिए एम्स ऋ षिकेश लाया गया है। जिला प्रशासन, एसडीआरएफ व आपदा प्रबंधन की टीमें राहत एवं बचाव में जुट गई थीं।
– त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री

हादसे में सात मजदूरों के मलबे में दबने की सूचना है। दो घायल हैं। लेकिन औपचारिक जानकारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। घायलों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए जो भी आवश्यक होगा, उसे करने के निर्देश दिए गए हैं।
– उत्पल कुमार सिंह, मुख्य सचिव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *