27 जुलाई को 21वीं सदी का सबसे खास चंद्रगहण दिखाई देगा। खास इसलिए क्योंकि खगोल वैज्ञानिक मान रहे हैं कि यह 21वीं सदी का सबसे लंबा चन्द्रग्रहण होगा। कुछ मंत्रों का जाप करने से आप ग्रहण के दुष्प्रभाव से बच सकते हैं। पंडित विपिन जोशी ने बताया कि शास्त्रों में कहा गया है कि ग्रहण काल में हमें स्नान, ध्यान, दान, मन्त्र, स्तोत्र-पाठ, मंत्रसिद्धि, तीर्थस्नान, हवन-कीर्तन इत्यादि कार्यों को करना चाहिए। ऐसा करने से बाधाएं दूर होती हैं और सुख की प्राप्ति होती है।104 साल बाद 27 जुलाई को सदी का सबसे लंबा ग्रहण लगने जा रहा है। आषाढ़ पूर्णिमा पर 27 जुलाई की रात खग्रास चंद्रग्रहण होगा। यह 3 घंटे 55 मिनट का होगा। इसी दिन गुरु पूर्णिमा भी है। ग्रहण का सूतक लगने से पहले गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाना श्रेष्ठ है। मंदिरों में भी ग्रहण का सूतक लगने से पहले आरती व पूजा हो जाएगी। शाम की आरती सूतक लगने के कारण दोपहर में होगी। बताया कि मंत्रों का जाप ग्रहणकाल में हर व्यक्ति को करना चाहिए। इससे ग्रहण के दुष्प्रभावों से बचाव होता है। इन मंत्रों के जाप से इंसान के सारे पापों का नाश हो जाता है।
इन मंत्रों का करें जाप:-
श्रीकृष्ण का मंत्र – क्लीं कृष्णाय नम:
हनुमानजी का मंत्र- ऊं रामदूताय नम:
भगवान विष्णु का मंत्र- ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:
श्रीराम का जाप- जय सीताराम