
D.NEWS DEHRADUN : धोखाधड़ी, अमानत में खयानत, गाली गलौच और जान से मारने की धमकी देने के मामले में आखिरकार कोर्ट ने 80 साल के बुजुर्ग दंपति को बीस साल बाद न्याय और राहत प्रदान की है। दोनों पर आरोप था कि उन्होंने फाइनेंस कंपनी में रिटायर फौजी को इन्वेस्टमेंट के लिए उकसाया और 1.30 लाख रुपये हड़प लिए। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तृतीय रिंकी साहनी की अदालत को बताया गया कि इस मामले में खड़क सिंह नाम के रिटायर्ड फौजी ने आरोपित विनोद कुमार और उनकी पत्नी रेणू निवासी रवि कॉटेज सुभाषनगर क्लेमनटाउन के खिलाफ केस दर्ज करवाया था। इस मामले के विचारण के दौरान वादी खड़क सिंह की मौत हो गई। बचाव पक्ष के अधिवक्ता आशुतोष गुलाटी की ओर से की गई प्रतिपरीक्षा में गवाह और खड़क सिंह के साले भगवान सिंह ने बताया कि उसे पैसा देने की तिथि याद नहीं है। जान से मारने की धमकी देने की बात उसे खड़क सिंह ने बताई थी। कोर्ट ने मजबूत सबूतों के अभाव में आरोपी विनोद कुमार और रेणू को दोषमुक्त कर दिया।
रिटायर फौजी से रुपये हड़पने का मामला
आरोप था कि दंपति खुद को कुबेर ग्रुप ऑफ कंपनी का मैनेजर और कर्मचारी बताते थे। दोनों आरोपियों ने रिटायर फौजी से कहा कि यदि वह उनकी कंपनी में इन्वेस्ट करते हैं तो उनका पैसा पांच साल में दोगुना हो जाएगा और साथ ही हर माह पांच सौ रुपये मिलते रहेंगे। इस पर रिटायर फौजी ने 1994 में कंपनी में 1,30,000 रुपये इन्वेस्ट कर दिए। लेकिन तीन-चार साल तक पांच सौ रुपये के चेक देने के बाद रुपये मिलने बंद हो गए। इसके साथ ही पांच साल की
अवधि पूरी होने पर मूल रकम भी नहीं लौटाई गई।